आज से लगभग 7 वर्ष पहले भारतीय जनता पार्टी जब नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र की सत्ता पर काबिज होने के लिए देश की जनता के बीच में ‘गुजरात मॉडल’ का खूब जमकर प्रचार प्रसार कर रही थी ठीक उसी तर्ज पर पिछले कुछ वर्षों से आम आदमी पार्टी के नेता पूरे देश भर में ‘दिल्ली मॉडल’ बता कर जनता के बीच अपनी ब्रांडिंग करने में जोर-शोर से लगे हुए हैं.
यहां हम आपको बता दें कि आम आदमी पार्टी का उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में पिछले विधानसभा और लोकसभा चुनाव की बात करें तो अभी तक कुछ खास जनाधार नहीं बन पाया है.
उत्तर प्रदेश में पिछले छह महीनों से आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह जरूर मुख्यमंत्री योगी सरकार के कई फैसलों का विरोध करने में जरूर कुछ हद तक सफल होते दिख रहे हैं.
बता दें कि उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव एक साथ होने हैं उससे पहले मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल चाहते हैं कि दोनों राज्यों में जनता के बीच दिल्ली मॉडल का जितना अधिक से अधिक प्रचार कर लिया जाए उतना ही आम आदमी पार्टी को चुनाव में फायदा मिलेगा.
लेकिन अरविंद केजरीवाल को यह भी समझना होगा कि उत्तर प्रदेश-उत्तराखंड की राजनीति राजधानी दिल्ली से अलग है.
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार