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आदेश जारी: उत्तराखंड सरकार ने किया स्पष्ट, केदारनाथ धाम को नहीं किया जाएगा राष्ट्रीय धरोहर घोषित

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग देहरादून मंडल की ओर से केदारनाथ धाम को राष्ट्रीय धरोहर घोषित किए जाने को लेकर उत्तराखंड शासन के संस्कृति विभाग के सचिव ने आपत्ति जताते हुए कहा है कि ऐसा कोई आदेश सरकार की ओर से जारी नहीं किया गया है.

उत्तराखंड सचिव संस्कृति हरिचंद्र सेमवाल ने विभागीय अधिकारियों और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण देहरादून मंडल के अधिकारियों की बैठक बुुलाई. सेमवाल ने कहा कि केदारनाथ धाम को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने के लिए शासन से न तो कोई प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया है और न ही भविष्य में ऐसी कोई योजना है.

बता दें कि यह मामला ऐसे समय में निकल कर सामने आया है जब अगले महीने की शुरुआत में ही चार धाम यात्रा शुरू होने जा रही है. वहीं दूसरी ओर केदारनाथ धाम के तीर्थ पुरोहित ने एक बार फिर से नाराजगी जताई है.

बता दें कि केदारनाथ धाम को राष्ट्रीय धरोहर किए जाने को लेकर शुक्रवार को इसकी सूचना समाचार पत्रों में भी प्रकाशित की गई थी. जिसे लेकर उत्तराखंड शासन ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग से जवाब-तलब किया है.

उत्तराखंड संस्कृति विभाग के सचिव हरिचंद्र सेमवाल ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की भ्रामक खबर पर आपत्ति जताई है. उत्तराखंड शासन की ओर से कहा गया है कि केदारनाथ धाम को राष्ट्रीय धरोहर किए जाने की सरकार की ओर से कोई योजना नहीं है. इसके साथ विभिन्न समाचार पत्रों में छपी खबर का भी खंडन किया है. ‌

तीर्थ पुरोहितों ने मुख्य सचिव को ज्ञापन भेजकर जताई थी नाराजगी
तीर्थ पुरोहितों ने केदारनाथ धाम को राष्ट्रीय धरोहर घोषित किए जाने को लेकर भारतीय पुरातत्व विभाग को भेजे प्रस्ताव पर घोर आपत्ति दर्ज कराई है. गौरतलब है कि पिछले दिनों तीर्थ पुरोहित समाज के पदाधिकारियों ने मुख्य सचिव सुखबीर सिंह संधू को भेजे ज्ञापन में कहा है कि शासन व उत्तराखंड सरकार की मंशा यहां की जमीन व भवनों को हड़पने की है.

सदियों से चली आ रही परंपरा को समाप्त करने की है. उन्होंने कहा कि केदारनाथ धाम को राष्ट्रीय धरोहर घोषित किया जाना, तीर्थ पुरोहितों के हित में नहीं है. तीर्थ पुरोहित संतोष शुक्ला ने कहा कि सदियों से यहां रहकर पूजा-अर्चना कर रहे लोगों से सरकार किसी भी प्रकार की बात तक नहीं करना चाहती है.

सरकार अपनी मनमर्जी से मठ-मंदिरों को हड़पने की कोशिश कर रही है. पुरोहितों ने केदारनाथ मंदिर को किसी विशेष व्यक्ति ने नहीं बनाया है. यह स्थानीय तीर्थ पुरोहितों एवं हक-हकूकधारियों की भावनाओं से जुड़ा हुआ धार्मिक स्थल है और करोड़ों हिन्दुओं की आस्था का केंद्र है. यह कोई टूरिज्म प्लेस नहीं है.

बता दें कि उत्तराखंड सरकार चार धाम के तीर्थ पुरोहितों की नाराजगी नहीं लेना चाहती है.



शंभू नाथ गौतम

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