23 साल पहले आज ही के दिन 7 जुलाई 1999 को कैप्टन विक्रम बत्रा ने देश के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया था. 9 सितंबर 1974 को हिमाचल के पालमपुर में घुग्गर गांव में जन्मे शहीद विक्रम बत्रा को उनकी बहादुरी के कारण ही दुश्मनों ने उन्हें ‘शेरशाह’ नाम दिया था.
शहीद विक्रम बत्रा ने 1996 में इंडियन मिलिटरी अकादमी में दाखिला लिया था. 6 दिसंबर 1997 को कैप्टन बत्रा जम्मू और कश्मीर राइफल्स की 13वीं बटालियन में बतौर लेफ्टिनेंट शामिल हुए. कारगिल युद्ध में उन्होंने जम्मू-कश्मीर राइफल्स की 13वीं बटालियन का नेतृत्व किया।
परमवीर चक्र विजेता कैप्टन विक्रम बत्रा 7 जुलाई 1999 को कारगिल युद्ध में देश के लिए शहीद हो गए थे.