सीएम से पत्रकारों के प्रतिनिधिमंडल ने की मुलाकात, ‘मानसखंड झांकी’ को देश में प्रथम स्थान प्राप्त होने पर दी बधाई

शुक्रवार को सीएम पुष्कर सिंह धामी से नेशनल सोशल मीडिया जर्नलिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष मनोज इष्टवाल व उत्तरांचल प्रेस क्लब अध्यक्ष अजय राणा के संयुक्त नेतृत्व में मीडियाकर्मियों ने भेंट की. उन्होंने गणतंत्र दिवस की परेड में कर्तव्य पथ पर शामिल उत्तराखंड की “मानसखंड झांकी“ को पहली बार प्रथम स्थान प्राप्त होने पर सीएम को बधाई दी.

मीडियाकर्मियों ने सीएम को बताया कि मानसखण्ड को देश मे प्रथम स्थान मिलने से उत्तराखंड को देश में पहचान मिली है. मानसखण्ड झांकी के माध्यम से देश विदेश के पर्यटकों को मंदिर माला मिशन की जानकारी भी मिलेगी. प्रतिनिधि मंडल में मनोज इष्टवाल, अजय राणा, दयाशंकर पांडेय, अमित अमोली, रमन जायसवाल, सुभाष गौड़ व अवधेष नौटियाल इत्यादि शामिल थे.

सीएम ने कहा यह उपलब्धि हम सबके लिए गौरवशाली पल है. सीएम ने कहा कि पुराणों में गढ़वाल का केदारखंड और कुमाऊं का मानसखंड के रूप में वर्णन किया गया है. स्कंद पुराण में मानसखंड के बारे में बताया गया है. जागेश्वर मंदिर की बहुत धार्मिक मान्यता है. गणतंत्र दिवस परेड को अभी तक राजपथ के नाम से जाना जाता था, किंतु इस वर्ष उसका नाम बदलकर कर्तव्य पथ रखा गया है. नाम बदलने के बाद कर्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस की यह पहली परेड थी, जिसमे उत्तराखंड की झांकी मानसखंड को देश मे प्रथम स्थान मिलने से इतिहास में उत्तराखंड राज्य का नाम दर्ज हो गया है.

सीएमने कहा पीएम मोदी के नेतृत्व में सांस्कृतिक नवजागरण में उत्तराखंड सरकार भी काम कर रही है. मानसखंड मंदिर माला मिशन योजना भी इसी दिशा में महत्वपूर्ण पहल है. “मानसखण्ड” मंदिर माला मिशन के तहत चार धाम की तर्ज पर कुमाऊं क्षेत्र के पौराणिक मंदिरों को भी विकसित किया जा रहा है.

महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी ने बताया कि इस वर्ष के लिए सीएम ने स्वयं मानसखंड की झांकी का सुझाव दिया था व इसके डिज़ाइन का तीन बार स्वयं अवलोकन कर उसे फाइनल किया था. यह पूरे प्रदेश के लिए ख़ुशी की बात है.

क्या है मानसखंड मंदिर माला मिशन

सीएम की पहल पर श्री केदारनाथ और श्री बद्रीनाथ की भांति ही कुमाऊं के प्रमुख पौराणिक महत्व के मंदिर क्षेत्रो में अवस्थापनात्मक विकास के लिए मानसखंड मन्दिर माला मिशन योजना पर काम किया जा रहा है. इन्हें बेहतर सड़कों से जोड़ा जाएगा. इसके साथ ही इस योजना के ज़रिए गढ़वाल और कुमाऊं के बीच सड़क कनेक्टिविटी को भी सुधारा जाएगा, ताकि उत्तराखण्ड में गढ़वाल और कुमाऊं के बीच यातायात सुगम हो. मानसखंड कॉरिडोर को लेकर सीएम का कहना है कि सरकार विभिन्न क्षेत्रों में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए मानसखंड कॉरिडोर पर काम कर रही है. सरकार का प्रयास है कि विभिन्न धार्मिक सर्किटों का विकास किया जाए. उन्होंने कहा इसके तहत प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में आने वाले मुख्य मंदिरों को आपस में जोड़ेंगे एवं सर्किट के रूप में विकसित करके धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा दिया जाएगा.

इन प्रमुख मंदिरों का होगा विकास
सीएम के विजन के अनुसार पहले चरण में क़रीब 2 दर्जन से अधिक मंदिरों को इसमें शामिल किया गया है. इनमें जागेश्वर महादेव, चितई गोलज्यू मंदिर, सूर्यदेव मंदिर, नंदादेवी मंदिर कसारदेवी मंदिर, झांकर सैम मंदिर पाताल भुवनेश्वर, हाटकालिका मंदिर, मोस्टमाणु मंदिर, बेरीनाग मंदिर, मलेनाथ मंदिर, थालकेदार मंदिर, बागनाथ महादेव, बैजनाथ मंदिर, कोट भ्रामरी मंदिर, पाताल रुद्रेश्वर गुफा, गोल्ज्यू मंदिर, निकट गोरलचौड मैदान, पूर्णागिरी मंदिर, वारही देवी मंदिर देवीधुरा, रीठा मीठा साहिब, नैनादेवी मंदिर, गर्जियादेवी मंदिर, कैंचीधाम, चैती (बाल सुंदरी) मंदिर, अटरिया देवी मंदिर व नानकमत्ता साहिब प्रमुख रूप से शामिल किए गए हैं.

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