प्रदेश में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए शासन ने उत्तराखंड सचिवालय में बाहरी लोगों के प्रवेश पर पूरी तरह पाबंदी लगा दी है. दो दिन के भीतर कोरोना के मामले मिलने से सचिवालय प्रशासन को दो अनुभागों समेत सात दफ्तर सील करने पड़ गए हैं.
बुधवार को अपर सचिव डॉ. राम विलास यादव और ऑडिट प्रकोष्ठ के प्रभारी व संयुक्त निदेशक खजान चंद पांडेय की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. इन दोनों अफसरों के कार्यालयों को सील कर दिया गया है.
ऑडिट प्रकोष्ठ को अगले तीन तक बंद रखने के आदेश हुए हैं. सचिव समाज कल्याण ने अपर सचिव के संपर्क में आए अधिकारियों व कर्मचारियों को कोविड टेस्ट कराने को कह दिया गया है. ऑडिट प्रकोष्ठ को अगले 48 घंटों के लिए सील कर दिया गया है. स्टाफ भी तीन दिन सेल्फ आइसोलेशन में रहेगा.
मंगलवार को मुख्यमंत्री के ओएसडी अभय रावत भी कोरोना की चपेट में आ गए. इसके बाद मुख्यमंत्री भी तीन दिन के लिए सेल्फ आइसोलेशन में हैं. उधर, सचिवालय में कोरोना के मामले लगातार सामने आने को चिंतित सचिवालय प्रशासन विभाग ने सचिवालय में बाहरी लोगों के प्रवेश को पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया है. प्रभारी सचिव एसएडी भूपाल सिंह मनराल ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं.
सचिवालय में सांसद, मंत्री, विधायक, राज्य व केंद्र सरकार के अधिकारी, सचिवालय के अधिकारी व कर्मचारी ही प्रवेश कर सकेंगे. प्रिंट व अन्य मीडिया कर्मी कार्यदिवस पर अपराह्न तीन बजे से पांच बजे के बीच थर्मल सक्रीनिंग व सैनिटाइजर का इस्तेमाल करते हुए सामाजिक दूरी के साथ सचिवालय परिसर स्थित मीडिया से सेंटर से सूचना ले सकेंगे. बाहरी व्यक्ति व इलेक्ट्रानिक मीडिया के पत्रकारों को प्रवेश की इजाजत नहीं होगी.
शासन के कार्य से संबंधित प्रार्थना पत्र अब सीधे सचिवालय के भीतर नहीं लिए जाएंगे. आगंतुक ऐसे प्रार्थनापत्र प्रवेश पत्र कार्यालय में जमा कराएंगे. पत्रों को सैनिटाइज किया जाएगा. इस व्यवस्था के लिए अनुसचिव स्तर के अधिकारी को तैनात किया जाएगा.
कोरोना के मामले सामने आने के बाद उत्तराखंड सचिवालय संघ ने सचिवालय को अगले एक हफ्ते के लिए पूरी तरह से बंद करने की मांग की है. संघ का कहना है कि लगातार आ रहे मामलों से अधिकारियों व कर्मचारियों में दहशत का माहौल है.