लंदन|…. शुक्रवार को जो रूट ने अचानक इंग्लैंड के टेस्ट कप्तानी पद से इस्तीफा देकर क्रिकेट जगत को हैरान कर दिया है. जो रूट ने पांच साल तक इंग्लैंड टेस्ट टीम की अगुवाई करने के बाद शुक्रवार को अपने पद से इस्तीफा दिया. वेस्टइंडीज के हाथों हाल ही में इंग्लैंड को टेस्ट सीरीज में 0-1 की शिकस्त मिली थी, जिसके बाद रूट ने टेस्ट कप्तानी छोड़ने का फैसला किया. रूट ने 64 टेस्ट में इंग्लैंड का नेतृत्व किया, जो कि एक रिकॉर्ड है. इससे पहले किसी कप्तान ने इतने टेस्ट में इंग्लैंड का नेतृत्व नहीं किया था.
रूट ने 64 टेस्ट में इंग्लैंड टेस्ट टीम की कप्तानी की, जिसमें से 27 मैच जीते. यह भी इंग्लिश रिकॉर्ड है. इंग्लैंड ने इतनी टेस्ट जीत किसी और कप्तान के अंडर में दर्ज नहीं की. हालांकि पिछले साल रूट का कप्तानी प्रदर्शन खराब रहा और उनकी टीम को 11 शिकस्त मिली. पिछले 17 टेस्ट में इंग्लैंड की टीम केवल एक टेस्ट जीत पाई थी. इंग्लैंड को भारत, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया और वेस्टइंडीज के हाथों टेस्ट सीरीज में शिकस्त मिली. विश्व टेस्ट चैंपियनशिप की अंक तालिका में इंग्लैंड की टीम आखिरी पायदान पर खिसक गई.
जो रूट की कप्तानी में इंग्लैंड की 26वीं टेस्ट हार थी, जो कि एक और इंग्लैंड का रिकॉर्ड है, लेकिन यह शर्मनाक है. रूट वो इंग्लिश कप्तान बन गए हैं, जिनके नेतृत्व में थ्री लायंस ने सबसे ज्यादा टेस्ट शिकस्त झेली. बहरहाल, 31 साल के रूट टीम में बतौर बल्लेबाज खेलना जारी रखेंगे. एशेज सीरीज में ऑस्ट्रेलिया के हाथों 0-4 से शिकस्त मिलने के बाद ही रूट की कप्तानी पर सवाल खड़े होने लगे थे. आलोचकों ने तभी कहा था कि रूट को कप्तानी छोड़ देना चाहिए. बेन स्टोक्स अब टेस्ट कप्तान बनने के सबसे बड़े दावेदार हैं.
इंग्लैंड की टेस्ट कप्तानी छोड़ने के बाद रूट ने कहा, ‘कैरेबियाई दौरे पर लौटने के बाद मुझे एहसास करने का समय मिला. मैंने कप्तानी छोड़ने का फैसला किया. यह फैसला लेना मेरे लिए बेहद चुनौतीपूर्ण था. मैंने अपने परिवार और करीबी दोस्तों से सलाह-मश्विरा करने के बाद ये फैसला लिया कि कप्तानी छोड़ने का यह सही समय है. मुझे अपने देश का नेतृत्व करने बहुत गर्व हुआ और पिछले पांच सालों को मैं बहुत गौरवपूर्ण तरीके से देखता हूं.’
रूट ने आगे कहा, ‘यह मेरे लिए सम्मान की बात है कि इंग्लैंड टीम का नेतृत्व करने का मौका मिला. मुझे अपने देश की टीम की कप्तानी करने से प्यार है, लेकिन हाल ही में मुझे पता चला कि मुझ पर कितना भार है और खेल से दूर इसका कितना प्रभाव मुझ पर पड़ा. मैं इस मौके पर अपने परिवार, दोस्तों और करीबियों को शुक्रिया अदा करना चाहता हूं, जिन्होंने मेरा लगातार समर्थन किया. सभी खिलाड़ी, कोच और सपोर्ट स्टाफ ने मेरे कार्यकाल के दौरान काफी मदद की. इनके साथ उस यात्रा पर चलना मेरे लिए सम्मान की बात है.’
रूट ने साथ ही कहा, ‘मैं इंग्लैंड के समर्थकों का भी शुक्रिया अदा करना चाहता हूं. हम बहुत भाग्यशाली हैं कि दुनिया में हमारे सर्वश्रेष्ठ फैंस हैं और हम जहां भी खेले, उनकी सकारात्मकता ने हमारा जोश बढ़ाया. मैं बतौर खिलाड़ी टीम का प्रतिनिधित्व करना जारी रखूंगा और अपने प्रदर्शन से टीम को सफलता दिलाने की कोशिश करूंगा. मैं अगले कप्तान की मदद करने पर ध्यान दूंगा.’