जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में रामनवमी के मौके पर हुई हिंसा पर जेएनयू वाइस चांसलर शांतिश्री धूलिपुडी पंडित ने कहा कि रामनवमी हवन किया जाए या नहीं और खाने के मेन्यू को लेकर विवाद खड़ा हो गया. ये दो समूहों के वर्जन हैं.
प्रॉक्टोरियल जांच का आदेश दिया गया था और हम रिपोर्ट की प्रतीक्षा कर रहे हैं, यह एक निष्पक्ष जांच होगी. जेएनयू एक स्वतंत्र विश्वविद्यालय है. हम व्यक्तियों की पसंद का सम्मान करते हैं. युवा लोगों की राय होती है और हम विविधता और असहमति की सराहना करते हैं.
हिंसा की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है. मैं जनता की इस धारणा को ठीक करना चाहती हूं कि हम टुकड़े-टुकड़े हैं. पदभार संभालने के बाद मैंने किसी को भी इस तरह बात करते नहीं देखा. हम भी उतने ही राष्ट्रवादी हैं जितने कोई और हैं.
उन्होंने कहा कि जेएनयू में हिंसा के लिए जीरो टॉलरेंस है. सिर्फ एक हॉस्टल में समस्या हुआ. जेएनयू में तमाम विचारधाराओं को होना चाहिए. जेएनयू में लेफ्ट विचारधारा को चुनौती मिल रही है.
हिंसा में शामिल छात्र लेफ्ट समर्थित AISA और राइट विंग समर्थक ABVP के बताए जा रहे हैं. दोनों तरफ से काउंटर FIR हुआ है. पुलिस मामले की जांच कर रही है.
जेएनयू के कावेरी छात्रावास में रविवार को वामपंथी छात्र संगठन और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से संबद्ध दो समूहों के बीच मेस में रामनवमी पर कथित तौर पर मांसाहारी भोजन परोसे जाने को लेकर झड़प हो गई थी. पुलिस के अनुसार इस झड़प में 20 विद्यार्थी घायल हो गए थे.