भारत से हर बार मुंह की खाने के बाद भी पाकिस्तान अपने आतंकी मंसूबों से बाज नहीं आ रहा है. कुछ दिनों पहले ही रावलपिंडी में आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के बीच एक गोपनीय बैठक हुई है. जिसमें भारत पर आतंकी करने को लेकर प्लानिंग की गई. इस बैठक की जानकारी मिलने के बाद से भारतीय खुफिया एजेंसियां हाई अलर्ट पर है.
बताया जा रहा है कि 20 अगस्त को जैश के आतंकी ‘अमीर’ मौलाना अब्दुल रऊफ अशगर (मसूद अजहर का भाई) ने रावलपिंडी में आईएसआई के दो शीर्ष अधिकारियों से मुलाकात की थी। खुफिया रिपोर्ट के अनुसार, इस बैठक में अशगर का भाई मौलाना अम्मार भी मौजूद था. अम्मार ने बालाकोट हमले के बाद भारतीय विंग कमांडर अभिनंदन को रिहा करने पर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान की आलोना करते हुए ऑडियो जारी किया था. इतना ही नहीं, उसने बालाकोट के तालीम-उल-कुरान मदरसे पर हमले का भारत से बदला लेने की धमकी भी दी थी.
एक सीनियर इंटेलिजेंस अधिकारी के अनुसार, रावलपिंडी में अब्दुल रऊफ और आईएसआई के बीच बैठक का खाका इस्लामाबाद के जैश मरकज ने तैयार किया था.
इस दौरान जैश के ऑपरेशनल कमांडर मुफ़्ती अशगर खान कश्मीरी और कारी जरार ने भारत पर हमले तेज करने के लिए अपनी योजना को लेकर की चर्चा की. खुफिया सूत्रों के अनुसार, यह बैठक इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि पुलवामा हमले के एक महीने पहले भी पाकिस्तान में ठीक ऐसी ही बैठक हुई थी.
अशगर खान कश्मीरी गुरिल्ला फोर्स का कमांडर है. यह पहले आतंकी संगठन हरकतउल मुजाहिद्दीन के मजलिस ए शूरा का मेंबर भी था. बाद में इसने अपने आतंकी साथियों के साथ जैश ए मोहम्मद को ज्वाइन कर लिया था. जबकि कारी जरार पीओके में आतंकियों के लॉन्चिंग पैड का कमांडर है.यह 2016 में नगरोटा सैन्य छावनी पर हुआ आतंकी हमले का मास्टरमाइंड भी है.
जैश सरगना मौलाना मसूद अजहर को हुई जानलेवा बीमारी के बाद मौलाना अब्दुल रऊफ अशगर ही जैश ए मोहम्मद के आतंकियों को पाल-पोस रहा है.
यह उन टॉप पांच आतंकियों में शामिल है जिसपर भारतीय खुफिया एजेंसियां हर पल निगाह बनाए रखती हैं. खुफिया एजेंसियों ने हमारे सहयोगी प्रकाशन टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में कहा कि जैश इस समय घाटी में आतंकी घटनाओं को अंजाम देने के लिए बेकरार है क्योंकि सैन्य कार्रवाई में उसके कई आतंकी मारे गए हैं.