कर्नाटक हिजाब विवाद पर गीतकार जावेद अख्तर ने भी प्रतिक्रिया दी है. अख्तर ने गुरुवार को कहा कि उन्होंने कभी भी हिजाब अथवा बुर्के का समर्थन नहीं किया है लेकिन कर्नाटक में भीड़ ने जिस तरह से हेकड़ी देखाई और लड़कियों के एक समूह को डराने की कोशिश की उसकी वह घोर निंदा करते हैं.
अख्तर ने पूछा है कि क्या यही ‘मर्दानगी’ है? बता दें कि स्कूलों में मुस्लिम लड़कियों के हिजाब पहनने के कर्नाटक सरकार के फैसले का विरोध हो रहा है. यह विरोध कर्नाटक से बाहर अन्य राज्यों में भी फैल गया है. इस मामले की सुनवाई कर्नाटक हाई कोर्ट की बड़ी बेंच में हो रही है.
मंगलवार को शिमोगा के एक स्कूल के पास हिजाब पहनी एक मुस्लिम लड़की को छात्रों के एक समूह ने घेरने की कोशिश की. छात्रों का समूह ‘जय श्री राम’ का नारा लगाते हुए जब लड़की की तरफ बढ़ा तो लड़की ने ‘अल्लाहु अकबर’ का नारा लगाया. यहां स्कूल परिसर में छात्रों ने भगवा झंडा फहराया. हंगामा बढ़ता देख पुलिस को लाठीचार्ज भी करना पड़ा.
लड़की के घेराव का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ. इसके बाद बॉलीवुड के कई कलाकारों ने इसका विरोध किया. अभिनेता कमल हासन, रिचा चड्ढा एवं अन्य कलाकारों ने मुस्लिम लड़कियों को परेशान किए जाने की घटना की आलोचना की.
अख्तर ने अपने एक ट्वीट में कहा, ‘मैं कभी भी बुर्का अथवा हिजाब पहनने का पक्षधर नहीं रहा हूं. अपने इस रुख पर मैं अभी भी कायम हूं. साथ ही मैं यह भी कहना चाहूंगा कि लड़कियों के एक छोटे समूह को डराने की असफल कोशिश की. इस कृ्त्य की मैं घोर निंदा करता हूं. क्या यही मर्दानगी है? कितनी अफसोस की बात है.’ कर्नाटक में हिजाब विवाद पर विरोध-प्रदर्शन बढ़ता देख राज्य सरकार ने स्कूलों को तीन दिनों तक बंद रखने का फैसला किया है.
हिजाब विवाद का मामला गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में भी पहुंचा. वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने गुरुवार को हिजाब विवाद का मुद्दा प्रधान न्यायाधीश की अगुवाई वाली बेंच के सामने उठाते हुए इस पर तत्काल सुनवाई करने की मांग की.
सिब्बल ने दलील दी कि इस विवाद की वजह से बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं. सिब्बल के इस अनुरोध को सीजेआई ने यह कहते हुए खारिज कर दिया कि अभी इस मामले की सुनवाई कर्नाटक हाई कोर्ट कर रहा है, ऐसे में उसका दखल देना उचित नहीं होगा.