श्रीनगर| इस सप्ताह की शुरुआत में श्रीनगर के हैदरपुरा इलाके में हुई मुठभेड़ में चार लोगों की मौत हुई है. इनमें मारे गए दो मृतकों के परिजनों का दावा है कि उनका आतंकवाद से कोई लेना-देना नहीं है.
जबकि सुरक्षाबलों का कहना है कि ये दोनों युवक आतंकवादियों के सहयोगी थे. इस मामले में राजनीतिक बयानबाजी सामने आने एवं परिजनों की मांग पर एलजी मनोज सिन्हा ने तय समय में इस एनकाउंटर की जांच मजिस्ट्रेट से कराने के आदेश दिए हैं.
सिन्हा ने गुरुवार को ट्वीट कर इस बारे में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर प्रशासन यह सुनिश्चित करेगा कि इस मामले में किसी के साथ नाइंसाफी न होने पाए. उन्होंने कहा, ‘हैदरपुरा एनकाउंटर की न्यायिक जांच होगी और इसकी जांच एडीएम रैंक के अधिकारी करेंगे.
यह जांच तय समय में पूरी होगी. एक बार रिपोर्ट मिलने के बाद प्रशासन उचित कार्रवाई करेगा. जम्मू-कश्मीर प्रशासन निर्दोष नागरिकों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है. हम यह सुनिश्चित करेंगे कि किसी के साथ नाइंसाफी न होने पाए.’
गत सोमवार को श्रीनगर के हैदरपुरा इलाके में आतंकवादियों एवं सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ हुई . इस मुठभेड़ में एक पाकिस्तानी आतंकवादी, उसके दो स्थानीय सहयोगी एवं दो नागरिकों की मौत हुई. मारे गए इन नागरिकों की पहचान कारोबारी अल्ताफ भट एवं मुदस्सिर गुल के रूप में हुई है. पीड़ित परिजनों ने बुधवार को प्रेस इंक्लेव इलाके में प्रदर्शन किया और शव सौंपे जाने की मांग की.
इस मामले पर राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने भी प्रतिक्रिया दी है. उमर ने कहा कि पीड़ित परिवारों को शांतिपूर्वक विरोध-प्रदर्शन की इजाजत नहीं दिया जाना आक्रोश पैदा करने वाला है.
पीड़ित परिवारों की मांग जायज एवं न्यायसंगत है. आतंकियों के सफाए के लिए सुरक्षाबल बड़े पैमाने पर अभियान चला रहे हैं. बुधवार को कुलगाम में सुरक्षाबलों ने एक आतंकी कमांडर सहित 5 आतंकवादियों को मौत के घाट उतारा.