जम्मू-कश्मीर पर तीन सदस्यीय परिसीमन आयोग ने अपना कार्यकाल खत्म होने से एक दिन पहले गुरुवार को केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा सीटों के पुनर्निर्धारण से संबंधित अपने अंतिम आदेश पर हस्ताक्षर कर दिये. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.
इस आदेश की एक प्रति और रिपोर्ट सरकार को प्रस्तुत की जाएगी, जिसमें निर्वाचन क्षेत्रों की संख्या और उनके आकार का विवरण शामिल होगा. इसके बाद एक राजपत्रित अधिसूचना के माध्यम से आदेश जारी किया जाएगा.
न्यायमूर्ति (सेवानिवृत) रंजना देसाई के नेतृत्व वाले आयोग ने केंद्र शासित प्रदेश में सीटों की संख्या 83 से बढ़ाकर 90 करने का प्रस्ताव रखा है. इसके अलावा, पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में 24 सीटें हैं, जो हमेशा रिक्त रहती हैं.
मार्च 2020 में केंद्र द्वारा गठित पैनल, सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में है, और इसमें मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्र और उप चुनाव आयुक्त चंद्र भूषण कुमार, राज्य चुनाव आयुक्त (एसईसी) केके शर्मा और मुख्य चुनाव अधिकारी हृदेश शामिल हैं.
फरवरी में, आयोग का कार्यकाल फिर से दो महीने के लिए बढ़ाया गया. पहले इसका कार्यकाल छह मार्च को समाप्त होना था. आयोग को पिछले साल, एक साल का विस्तार दिया गया था.
पहली बार अनुसूचित जनजातियों के लिए नौ सीटों का प्रस्ताव किया गया है. आयोग ने जम्मू के लिए छह और कश्मीर के लिए एक अतिरिक्त सीट का भी प्रस्ताव रखा है. अभी तक कश्मीर संभाग में 46 और जम्मू संभाग में 37 सीटें हैं.
यह निर्णय महत्वपूर्ण है क्योंकि परिसीमन समाप्त होने के बाद ही जम्मू और कश्मीर में प्रस्तावित चुनाव होंगे, जो जून 2018 से निर्वाचित सरकार के बिना है. प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनाव के बाद क्षेत्र के राज्य की बहाली का वादा किया है.