जल संस्थान संविदा श्रमिक संघ के आह्वान पर आउटसोर्स कर्मी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं. जिससे हल्द्वानी में जल संकट पैदा हो गया है. अधिकारियों ने उन्हें मनाने की कोशिश की लेकिन नतीजा राहत लेकर नहीं आया. हड़ताल शुरू होने के बाद से शहर के लोग पानी के लिए तरस रहे हैं.
हल्द्वानी में शुक्रवार सुबह से ही लोग पानी के लिए परेशान रहे. अधिक तर लोग सुबह मोटर चलाकर पानी भरा करते हैं लेकिन दहशरा पर्व के दिन ऐसा नहीं हुआ तो उनका टेंशन बढ़ गया. बता दें कि हल्द्वानी की ढाई लाख से ज्यादा आबादी इस हड़ताल से प्रभावित हो रही है.
पानी का संकट पैदा होने के बाद लोग विभागीय अधिकारियों को फोन कर रहे हैं. वहीं जल संस्थान के अफसरों ने ठेकेदार को अन्य श्रमिकों की व्यवस्था करने का आदेश दिया है. लेकिन अभी तक राहत नहीं मिली है. इसलिए हल्द्वानी के नलकूपों नहीं चलाए जा रहे हैं. इसके अलावा फिल्टर प्लांट से भी पानी सप्लाई प्रभावित हो रही है.
बता दें कि ढाई लाख की आबादी को पानी पहुंचाने के लिए नलकूप आपरेटर से लेकर टैंकर चालक को जिम्मेदारी दी जाती है. हल्द्वानी डिवीजन के 170 कर्मचारियों ने काम बंद कर धरना चालू कर रखा है.
ऐसे में जल संस्थान के लिए अपने 30 कर्मचारियों से काम करवाना बड़ी चुनौती है. कुमाऊं में कार्यरत 2200 से अधिक कर्मचारी गुरुवार से हड़ताल पर चले गए. शहरी व ग्रामीण क्षेत्र के करीब 50 नलकूप नहीं चल सके. आपरेटर नहीं होने के कारण ताले लटके रहे.
संविदा श्रमिक संघ के शाखा अध्यक्ष गोविंद आर्य का कहना है कि हम लोगों को परेशान नहीं करना चाहते हैं लेकिन हमारी मांगों को गंभीरता से बिल्कुल नहीं लिया जा रहा है. 15 से 20 साल से जल संस्थान के लिए काम करने वालों को नजरअंदाज किया जा रहा है. वक्त रहते वेतन नहीं मिलता है.
विभाग में पद भी रिक्त हैं. हम चाहते हैं कि विभाग खाली पदों के सापेक्ष नियुक्ति दे. नियुक्ति होने तक समान काम समान वेतन की व्यवस्था लागू हो और वक्त में वेतन मिले. इन सभी मांगों को लेकर हम हड़ताल पर हैं और मांगे पूरी नहीं होने तक हड़ताल जारी रहेगी.