कुमाऊं अल्‍मोड़ा

जागेश्वर धाम मेला इस साल भी कोरोना के चलते रद्द

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उत्तराखंड में कांवड़ यात्रा की मनाही को लेकर काफी चर्चा और इंतज़ामों को लेकर सुर्खियां बराबर बनी हुई हैं, इसके बीच राज्य के प्रसिद्ध तीर्थ स्थान जागेश्वर धाम में हर साल सावन के महीने में लगने वाले मेले का आयोजन इस साल नहीं किया जाएगा.

एसडीएम और जागेश्वर धाम कमेटी के बीच एक बैठक के बाद आपसी सहमति के आधार पर यह फैसला लिया गया. कोविड 19 संक्रमण के प्रकोप को देखते हुए इस सालाना मेले को रद्द किए जाने का निर्णय लिया गया है और अहम बात यह भी है कि पिछले साल 2020 में भी इस मेले के आयोजन को मंज़ूरी नहीं दी गई थी.

इस साल 16 जुलाई से शुरू होने जा रहे सावन के महीने से पारंपरिक मेले को शुरू होना था, जो हर साल सावन के महीने से ही शुरू होता रहा है. लेकिन खबरों में कहा गया कि इस बार भी कोरोना संक्रमण के मद्देनज़र इस बार मेले को लेकर सख्ती बरती गई है.

हालांकि श्रद्धालुओं के लिए राहत की बात यह है कि वो पहले से बुकिंग करके और कोविड प्रोटोकॉल का पालन करके तीर्थ स्थान में दर्शन कर सकेंगे. एसडीएम के साथ धाम कमेटी की बैठक में यह तय किया गया कि अगर श्रद्धालु मंदिर में पूजा के लिए पहले से रजिस्ट्रेशन करवाते हैं, तो सुबह 6 से शाम 6.30 बजे के बीच उन्हें दर्शन की सुविधा दी जाएगी. यही नहीं, उत्तराखंड के बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को आरटीपीसीआर निगेटिव रिपोर्ट साथ रखनी होगी.

कोविड के चलते कांवड़ यात्रा को उत्तराखंड ने प्रतिबंधित कर दिया है. इस यात्रा के दौरान हरिद्वार केंद्र बन जाता है और राज्य सरकार नहीं चाहती कि महामारी के समय में राज्य में करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु आएं. उत्तराखंड पुलिस ने कहा है कि 25 जुलाई से अगर पड़ोसी राज्य कांवड़ यात्रा शुरू करने की मंज़ूरी देंगे तो 24 जुलाई से ही हरिद्वार के सभी एंट्री और एग्ज़िट पॉइंट्स सील किए जाएंगे. इसके बावजूद कांवड़िये अगर हरिद्वार पहुंचेंगे तो उन्हें 14 दिनों के लिए क्वारंटाइन कर दिया जाएगा.

यही नहीं, उत्तर प्रदेश ने कांवड़ यात्रा को मंज़ूरी दी है इसलिए सुप्रीम कोर्ट में आज केंद्र और उप्र से जवाब मांगे गए हैं. केंद्र ने अपने हलफ़नामे में कहा कि कांवड़ियों का हरिद्वार में प्रवेश रोका जाना चाहिए. साथ ही, उत्तराखंड की योजना के सुर में सुर मिलाते हुए यह भी कहा कि टैंकरों के ज़रिये श्रद्धालुओं को गंगाजल उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जाना चाहिए.

वहीं, शुक्रवार को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश से कांवड़ यात्रा को मंज़ूरी देने पर पुनर्विचार करने को कहा. खबरों के मुताबिक यह भी गौरतलब है कि हरियाणा के जींद प्रशासन ने भी कांवड़ यात्रा को रद्द करने की घोषणा कर दी है.

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