ओडिशा के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा की शुरुआत हो गई है. पिछले साल की तरह इस बार भी इस रथ यात्रा में श्रद्धालुओं को शामिल होने की अनुमति नहीं दी गई है. पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी थी.
भले ही उड़ीसा के लोग भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा में सीधे तौर पर शामिल नहीं हो पा रहे हैं लेकिन उत्साह-उमंग छाया हुआ है. इस यात्रा को लेकर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री समेत तमाम नेताओं ने लोगों को शुभकामनाएं दी हैं. यात्रा का समापन 20 जुलाई को देवशयनी एकादशी के दिन होगा. हिन्दू पंचांग के अनुसार, पुरी यात्रा हर साल आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को निकाली जाती है.
माना जाता है कि इस यात्रा के माध्यम से भगवान जगन्नाथ साल में एक बार प्रसिद्ध गुंडिचा माता के मंदिर में जाते हैं. भगवान जगन्नाथ से जुड़े इस मंत्र का जप करके आप उनकी कृपा दृष्टि प्राप्त कर सकते हैं.
जगन्नाथ रथ यात्रा के शुभ अवसर पर प्रधानमंत्री ने देश वासियों एवं श्रद्धालुओं को हार्दिक बधाई देते हुए भगवान जगन्नाथ से प्रार्थना की कि वे सभी के जीवन में सुख समृद्धि प्रदान करें और स्वास्थ्य अच्छा रहे.
बता दें कि चार धामों में से एक जगन्नाथ पुरी मंदिर की रथ यात्रा पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है. जगन्नाथ जी का यह मंदिर उड़ीसा राज्य के पुरी में स्थित है. इस मंदिर में भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा जीकी मूर्ति स्थापित की गई है. जगन्नाथ पुरी रथ यात्रा में जगन्नाथ, बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा जी अलग-अलग रथ में सवार होकर पुरी की यात्रा करते हैं. कोरोना महामारी के संक्रमण को देखते हुए इस रथ यात्रा में भक्तों और श्रद्धालुओं के शामिल होने की अनुमति नहीं है.
भक्त इसे अपने घर पर टीवी व अन्य माध्यमों से देख सकते हैं. इस बार भगवान जगन्नाथ रथ पर न सवार होकर वाहन पर सवार होंगे. बता दें कि इस यात्रा को देखने के लिए हर साल पूरी में देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु आते हैं. लेकिन पिछले दो वर्षों से कोरोना महामारी की वजह से यह आयोजन फीका रहा . इसके साथ श्रद्धालुओं को भगवान जगन्नाथ का रथ न खींच पाने पर मायूसी भी है.