रविवार को उत्तराखंड के चमोली जिले की ऋषिगंगा घाटी में आज हिमखंड के टूटने से अलकनंदा और इसकी सहायक नदियों में अचानक आई विकराल बाढ़ के कारण हिमालय की ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भारी तबाही मची है.
आईटीबीपी ने जानकारी दी है कि चमोली के तपोवन इलाके में एनटीपीसी साइट से तीन शव बरामद हुए है.वहीं उत्तराखंड के मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने कहा है कि चमोली जिले में बाढ़ से 100-150 लोगों के हताहत होने की आशंका है.एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सेना और आईटीबीपी के जवान राहत और बचाव कार्य में लगे हुए हैं।
मुख्यमंत्री ने दी जानकारी
कर्णप्रयाग में आज 3 बज कर 10 मिनट पर नदी में पानी की बहाव की स्थिति से साफ है कि बाढ़ की सम्भावना बहुत ही कम है.हमारा विशेष ध्यान सुरंगों में फँसे श्रमिकों को बचाने में है और हम सभी प्रयास कर रहे हैं.किसी भी समस्या से निपटने के सभी ज़रूरी प्रयास कर लिए गये हैं.
उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने कहा कि तपोवन-रैणी क्षेत्र में स्थित ऊर्जा परियोजना में काम करने वाले करीब 50-100 कर्मी लापता हैं. तपोवन-रैणी स्थित ऊर्जा संयंत्र पूरी तरह से बह गया है. राज्य के पुलिस प्रमुख ने कहा, ‘अब स्थिति नियंत्रण में है. श्रीनगर में एक बांध है जिसने पानी के तेज प्रवाह को नियंत्रित कर लिया है. ऊर्जा संयंत्र को नुकसान पहुंचा है.’
आईटीबीपी महानिदेशक एसएस देसवाल ने बताया, ‘उत्तराखंड में तपोवन बांध के पास एक निर्माणाधीन सुरंग थी जहां लगभग 20 मजदूर फंसे हुए हैं. घटनास्थल पर तैनात आईटीबीपी की टीम बचाव अभियान चला रही है. हम लापता लोगों की जानकारी जुटाने के लिए एनटीपीसी के प्रबंधन दल के संपर्क में हैं.
यह संदेह है कि साइट पर लगभग 100 कार्यकर्ता थे. जिनमें से 9-10 शव नदी से बरामद किए गए हैं. सर्च ऑपरेशन चल रहा है. जल्द ही पहुंचने के लिए भारतीय सेना की टीम, 250 आईटीबीपी के जवान मौजूद हैं.’