सीएम रावत ने पं. दीनदयाल उपाध्याय जी के जन्म दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री आवास से ‘‘आत्मनिर्भरता से अन्त्योदय तक’’ वचुअर्ल युवा संवाद कार्यक्रम को संबोधित किया.
उन्होंने कहा कि युवाओं में जो उत्साह एवं जोश होता है, सही दिशा मिलने पर युवा सब कुछ कर सकता है.
युवा अवस्था में जोखिम लेने का जज्बा भी होता है और समय भी. किसी भी कार्य क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए वैचारिक दृढ़ता का होना जरूरी है.
हमें किस दिशा में आगे बढ़ना है, इसके लिए सोच स्पष्ट होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य के निर्माण में युवाओं एवं महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका रही है.
उत्तराखण्ड में विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करने के लिए अपार संभावनाएं हैं.
प्रकृति ने हमें सब कुछ दिया है, पर्वत श्रृंखलाएं, पर्याप्त जल, जंगल, जैव विविधता जैसी प्राकृतिक चीजें हमें वरदान स्वरूप मिली हैं.
सीएम ने कहा कि राज्य में स्वरोजगार के लिए भी पर्याप्त अवसर हैं. एडवेंचर टूरिज्म,वाटर स्पोर्ट एवं पर्यटन के क्षेत्र में अनेक गतिविधियां की जा सकती है.
युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए प्रदेश में मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना शुरू की गई है.
इस योजना में लगभग सभी प्रकार के कार्यों को शामिल किया गया है.
हमें आत्मनिर्भर उत्तराखण्ड की दिशा में आगे बढ़ना होगा. जब राज्य आत्मनिर्भर होंगे तो देश स्वतः ही आत्म निर्भर हो जायेगा.
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने राज्य में ग्रोथ सेंटर की शुरुआत की है, वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली योजना के तहत बस खरीदने के लिए 50 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जा रही है.
इन बसों का रोडवेज से अनुबंध करने की व्यवस्था भी की गई है.
मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में पर्यटन के तहत हम 10 हजार मोटर बाईक देंगे.
इसमें दो साल का ब्याज राज्य सरकार देगी. 25-25 किलोवाट के 10 हजार छोटे सोलर पावर प्रोजेक्ट की योजना मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत लाई गई है.
इसके तहत 25 प्रतिशत सब्सिडी और बिजली की खरीद की गारंटी है. पिरूल से बिजली उत्पादन का कार्य शुरू किया गया है.
सोलर फार्मिंग की शुरूआत की गई है जिसमें 208 मेगावाट के कार्यों की शुरूआत हुई है.
सीएम ने कहा कि कृषकों को 03 लाख तक का एवं स्वयं सहायता समूहों को 05 लाख रूपये तक का ब्याज मुक्त ऋण दिया जा रहा है.
उड़ान योजना के तहत हेली सेवाओं को विस्तार दिया गया है.
ऑलवेदर रोड पर तेजी से कार्य चल रहा है. हमें स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देना होगा.
उसकी ब्रान्डिंग, पैकेजिंग और मार्केटिंग करनी होगी. उत्तराखण्ड के लोकल उत्पादों को हिमालयी ब्रान्ड बनाने की दिशा में कार्य करने होंगे.