भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO)स्वतंत्रता दिवस से पहले एक अहम उपग्रह का लॉन्च करने जा रहा है. इसरो अपने बहुप्रतीक्षित जियो इमेजिंग उपग्रह जीसैट-1 (Gisat-1) को कल यानी 12 अगस्त को लॉन्च करेगा. इस प्रक्षेपण का काउंटडाउन भी शुरू हो गया है. यह निगरानी उपग्रह को ‘आसमान में भारत की आंख’ की संज्ञा दी जा रही है.
आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से गुरुवार को जीएसएलवी-एफ 10 के जरिए धरती पर निगरानी रखने वाले इस उपग्रह को लॉन्च किया जाएगा. इस उपग्रह का कोडनेम ईओएस-03 (EOS-3) रखा गया है. इसरो ने जानकारी दी है कि इस उपग्रह का प्रक्षेपण 12 अगस्त को सुबह पांच बजकर 43 मिनट पर किया जाएगा.
इससे पहले इस साल 28 फरवरी को इसरो ने 18 छोटे उपग्रहों को भी लॉन्च किया था. इनमें देसी और विदेशी उपग्रह शामिल थे. इससे पहले अंतरिक्ष विभाग के राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने हाल ही में संसद में दावा किया था कि ईओएस-3 पूरे देश की रोजाना 4-5 बार इमेजिंग करने में सक्षम है और जल स्रोतों, फसलों, वनस्पति की स्थिति और वन क्षेत्र बदलाव की निगरानी के लिए उपयुक्त है. यह बाढ़ और चक्रवात की भी सटीक जानकारी मुहैया कराएगा.
इसरो ने बुधवार को अपने ट्विटर अकाउंट पर इस बाबत जानकारी दी है. इसके साथ ही इसरो ने जीएसएलवी एफ10 मिशन की तस्वीर भी साझा की है. ईओएस-03 अति उन्नत उपग्रह है, जिसे जीएसएलवी एफ 10 यान की मदद धरती की कक्षा में स्थापित किया जाएगा. अभी तक इस उपग्रह का प्रक्षेपण कोविड 19 महामारी के कारण टला हुआ था.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रॉकेट में पहली बार 4 मीटर व्यास वाले ऑगिव-शेप्ड पेलोड फेयरिंग (हीट शील्ड) का इस्तेमाल किया गया है. इसके अलावा उपग्रह में 6-बैंड मल्टीस्पेक्ट्रल दृश्य और नियर-इंफ्रा-रेड के 42-मीटर रिज़ॉल्यूशन के पेलोड इमेजिंग सेंसर होंगे.