अंकारा|….. वैश्विक आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (ISIS) के सरगना अबू हसन अल-हशीमी अल-कुरैशी को तुर्की की राजधानी इस्तांबुल में गिरफ्तार कर लिया गया है. अबू हसन अल-हशीमी अल-कुरैशी आईएसआईएस का तीसरा मुखिया है. इस साल फरवरी में आतंकी संगठन के दूसरे मुखिया अबू इब्राहिम अल-कुरैशी की मौत के बाद उसे इस आतंकी संगठन का नया सरगना घोषित किया गया था.
तुर्की के मीडिया संस्थान ‘ओडा टीवी’ की रिपोर्ट के मुताबिक, अबू हसन अल-हशीमी अल-कुरैशी को उसके ठिकाने से लंबे-चौड़े सर्विलांस ऑपरेशन के बाद पकड़ा गया. इस ऑपरेशन को बहुत ही गुप्त तरीके से चलाया गया. पुलिस की तरफ से भी कोई गोलीबारी नहीं हुई. मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि आने वाले दिनों में तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैय्यब एर्दोगान इस हाई प्रोफाइल गिरफ्तारी का ऐलान करेंगे.
रिपोर्ट के मुताबिक, खुफिया एजेंसियां इस व्यक्ति पर काफी दिन से नजर रखे थीं. पहचान पुख्ता होने के बाद इसे गिरफ्तार किया गया. इस व्यक्ति की गिरफ्तारी की सूचना राष्ट्रपति को दे दी गई है. अब उनके इसकी आधिकारिक घोषणा करने की संभावना है.
कौन है अबू हसन अल-हशीमी अल-कुरैशी?
मीडिया रिपोर्ट्स में इराक के इंटेलिजेंस सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि अबू हसन अल-हशीमी अल-कुरैशी आईएसआईएस के पहले सरगना अबू बक्र अल-बगदादी का भाई है. न्यू लाइंस मैग्जीन में फेरास किलानी द्वारा लिखी प्रोफाइल के मुताबिक, अबू हसन अल-हशीमी अल-कुरैशी को अब्दुल्ला कर्दश के नाम से जाना जाता है. उसका जन्म मोसुल से 20 मील दूर स्थित माहलाबिया में हुआ था. उसका असली नाम आमिर मुहम्मद सईद अल-सलीबी अल-मावला है. कुरैशी का जन्म 1976 में हुआ था. सात भाइयों में वो सबसे छोटा है. उसकी नौ बहनें भी हैं.
साल 2008 में मोसुल से हुआ गिरफ्तार
साल 2008 में अमेरिकी सेना ने उसे मोसुल से गिरफ्तार कर लिया था. तब उसे एक डिटेंशन सेंटर में लंबे समय तक रखा गया. उससे लंबी-चौड़ी पूछताछ की गई. पूछताछ में वो यही बताता रहा कि वो आईएसआईएस में शामिल नहीं हुआ था, बल्कि उसे जज के तौर पर नियुक्त किया गया था. गिरफ्तारी के कुछ साल बाद उसे रिहा कर दिया गया था. रिहाई के बाद वो आईएसआईएस में और बड़ी भूमिका निभाने लगा था. खुफिया एजेंसियां उसे ट्रेस करने में लगी थीं. अब एजेंसियों को बड़ी कामयाबी मिली है.