फ्लोर टेस्ट: क्या नारायणसामी की सरकार बचेगी या लगेगा राष्ट्रपति शासन! ये हैं 4 विकल्प

पुडुचेरी | केंद्रशासित प्रदेश पुडुचेरी में सोमवार को मुख्यमंत्री वी. नारायणसामी के लिए असली परीक्षा की घड़ी है. उपराज्यपाल टी. सुंदरराजन ने आज शाम 5 बजे तक विधानसभा में फ्लोर टेस्ट का आदेश दिया है. ताजा राजनीतिक समीकरण और विधानसाभा के गणित इस बात की ओर इशारा कर रहे हैं कि नारायणसामी के लिए सरकार बचाना मुश्किल चुनौती होगी. चार विधायकों के इस्तीफे के बाद नारायणसामी की नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं.

ऐसा लग रहा है कि पुडुचेरी में खड़ा हुआ राजनीतिक संकट दो राष्ट्रीय पार्टियों के बीच लड़ाई का नतीजा है. मुख्यमंत्री वी नारायणसामी ने 18 फरवरी को आरोप लगाया था कि भारतीय जनता पार्टी लोकतांत्रिक तरीके से चुनी हुई सरकार को गिराने की कोशिश कर रही है. आखिर क्या है पुडुचेरी का राजनीतिक गणित, क्या कहते हैं आकड़ें और क्या है वो 4 विकल्प जिसकी संभावना यहां बनती दिख रही है. आईए इन सारे बिंदुओं को विस्तार से समझने की कोशिश करते हैं…

पहला विकल्प: गिर जाएगी सरकार
रविवार देर शाम कुछ और विधायकों के इस्तीफे के बाद मौजूदा सरकार की हालत बेहद खराब हो गई है. ऐसा लग रहा है कि फ्लोर टेस्ट में वी. नारायणसामी की सरकार गिर जाएगी. वैसे विधानसभा में कुल 33 सदस्य हैं, लेकिन कांग्रेस के कई विधायकों के इस्तीफे के बाद अब विधानसभा कुल संख्या घटकर 26 पर आ गई है. ताजा आकड़ों के मुताबिक कांग्रेस और डीएमके के पास कुल 12 विधायक हैं, जिसमें उन्हें एक निर्दलीय विधायक का भी समर्थन हासिल है. जबकि विपक्षी गठबंधन के पास कुल 14 विधायक हैं.

दूसरा विकल्प: स्पीकर कुछ विधायकों को कर सकते हैं डिसक्वालीफाई

पुडुचेरी में कांग्रेस लगातार विधायकों के खरीद-फरोख्त का आरोप लगा रही है. कांग्रेस के कई बड़े नेताओं का कहना है कि बीजेपी उनकी सरकार को गिराने के लिए षड्यंत्र रच रही है. ऐसे में स्पीकर कुछ विधायकों को डिसक्वालीफाई कर सकते हैं. अगर ऐसा हुआ तो विधायकों की कुल संख्या और घट सकती है. ऐसे में नारायणसामी की सरकार को बच सकती है.


तीसरा विकल्प: विपक्ष के विधायकों पर कांग्रेस की नजर
पुडुचेरी में इस वक्त कई तरह की हचलचल है. कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री वी नारायणसामी विपक्ष के कुछ विधायकों को अपने पाले में कर सकते हैं. कांग्रेस की नज़र AIADMK के चार विधायकों पर है. कई पुराने दिग्गज नेता ये दावा कर रहे हैं कि इन विधायकों से फिलहाल बातचीत चल रही है. अगर डील हुई तो हो सकता है कि ये चार विधायक फ्लोर टेस्ट के दौरान न रहे. ऐसे में वोटिंग के दौरान विधानसभा की ताकत 26 सदस्यों से और भी नीचे आ सकती है. ऐसे में सरकार बच सकती है.

चौथा विकल्प: राष्ट्रपति शासन

पुडुचेरी में राष्ट्रपति शासन की संभावनाओं को भी नकारा नहीं जा सकता है. ये भी एक विकल्प है. लेफ्टिनेंट गवर्नर तमिलसाई सुंदरराजन तमिलनाडु में बीजेपी की अध्यक्ष रह चुकी है. सूत्रों का कहना है कि अगर बीजेपी को लगेगा की उनके पक्ष में चीजें नही जा रही हैं तो फिर राष्ट्रपति शासन भी लगाया जा सकता है. लेफ्टिनेंट गवर्नर कानून व्यवस्था का हवाला दे कर राष्ट्रपति शासन की सिफारिश कर सकती हैं.

साभार-न्यूज़ 18

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