लखीमपुर हिंसा सोची समझी साजिश एसआईटी की जांच में बड़ा खुलासा-आशीष मिश्रा की बढ़ेगी मुश्किलें

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यूपी के लखीमपुर में तीन अक्टूबर को हुई हिंसा को स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) ने एक सोची-समझी साजिश बताया है.

हिंसा में सोची समझी साजिश का खुलासा होने के बाद एसआटी जांच अधिकारियों ने अदालत में आरोपियों के खिलाफ धाराएं बढ़ाने के लिए आर्जी दी है.

मीडिया में आईं खबरों के मुताबिक, अदालत एसआईटी को आरोपियों के खिलाफ धाराएं बढ़ाने की इजाजत दे सकती है. इसके बाद केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा समेत सभी 14 आरोपियों पर हत्या और आपराधिक षड्यंत्र का मुकदमा चलेगा.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, आशीष मिश्रा समेत सभी 14 आरोपियों को आज सीजीएम अदालत में पेश होना था, लेकिन दोपहर तक कोई भी आरोपी कोर्ट पेश होने के लिए नहीं पहुंचा.

बता दें कि हिंसा के मामले में मंत्री के बेटे समेत सभी आरोपियों के खिलाफ पहले धारा 279, 338, 304ए के तहत मामला दर्ज किया गया था. लेकिन एसआईटी की जांच में लखीमपुर खीरी में हिंसा एक सोची समझी सामने आई है. अब एसआईटी ने आरोपियों के खिलाफ धारा 307, 326, 302, 34, 120बी, 147, 148, 149, 3/25/30 के तहत मुकदमा चलाने के लिए अदालत में अर्जी दी है. अदालत एसआईटी को आरोपियों के खिलाफ धाराएं बढ़ाने की इजाजत दे सकती है.

गौरतलब है कि लखीमपुर के तिकुनिया में तीन अक्टूबर को किसानों ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा का विरोध किया था. इस दौरान किसानों ने उन्हें काले झंडेभी दिखाए थे. इसी दौरान एक वाहन पिछे से आता है और किसानों की भीड़ को रौंदता हुआ आगे निकल जाता है.

इस घटना में चार किसानों की मौत हो गई थी. इसके बाद हिंसा भड़क उठी थी. हिंसा के दौरान एक पत्रकार समेत 4 अन्य लोगों की मौत हो गई थी. इस मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा समेत 14 लोगों के खिलाफ हत्या और आपराधिक साजिश का केस दर्ज किया गया था.

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