कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर के बाद अब देश की अर्थव्यवस्था के पटरी पर लौटने के मजबूत संकेत मिल रहे हैं. राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, देश के औद्योगिक उत्पादन में अगस्त 2021 के दौरान 11.9 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है.
वहीं कोयला, कच्चा तेल और इस्पात समेत 8 बुनियादी क्षेत्र के उद्योगों के उत्पादन में इस दौरान सालाना आधार पर 11.6 फीसदी की वृद्धि हुई है. पिछले साल अगस्त महीने में बुनियादी क्षेत्र के उद्योगों के उत्पादन में 6.9 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी.
एनएसओ के आंकड़ों के मुताबिक, अगस्त 2021 में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के उत्पादन की वृद्धि दर 9.7 फीसदी रही है. वहीं, खनन क्षेत्र का उत्पादन 23.6 फीसदी और बिजली क्षेत्र का 16 फीसदी बढ़ा है. अगस्त 2020 में औद्योगिक उत्पादन 7.1 फीसदी घटा था.
चालू वित्त वर्ष के पहले पांच महीने यानी अप्रैल-अगस्त 2021 के दौरान आईआईपी में 28.6 फीसदी की वृद्धि दर्ज हुई है. पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में आईआईपी में 25 फीसदी की बड़ी गिरावट आई थी.
कोरोना वायरस महामारी की वजह से पिछले साल मार्च से औद्योगिक उत्पादन प्रभावित हुआ. उस समय इसमें 18.7 फीसदी की गिरावट आई थी. अप्रैल 2020 में लॉकडाउन की वजह से औद्योगिक गतिविधियां प्रभावित होने से उत्पादन 57.3 फीसदी घटा था.
औद्योगिक उत्पादन सूचकांक में कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद, उर्वरक, इस्पात, सीमेंट और बिजली का 40.27 फीसदी हिस्सा है. बता दें कि अगस्त 2021 में लगातार तीसरे महीने बुनियादी क्षेत्र उद्योगों में बढ़ोतरी दर्ज की गई है.
आंकड़ों के अनुसार कोयला , प्राकृतिक गैस , रिफाइनरी उत्पादों, इस्पात , सीमेंट और बिजली का उत्पादन अगस्त 2021 में सालाना आधार पर बढ़ा है. दूसरी तरफ कच्चा तेल और उवर्रक उद्योगों के उत्पादन में गिरावट आई है.
औद्योगिक उत्पादन में बढ़ेातरी के चलते रोजगार के मोर्चे पर भी अच्छे संकेत मिल रहे हैं. कोरोना की दूसरी लहर के बाद औद्योगिक गतिविधियों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग के आर्थिक सलाहकार कार्यालय ने अगस्त 2021 के लिए आठ कोर उद्योगों का सूचकांक जारी किया है.
आठ कोर इंडस्ट्रीज का संयुक्त सूचकांक जुलाई 2021 में 134 पर था. इसमें जुलाई 2020 के मुकाबले 9.4 फीसदी की वृद्धि हुई थी. साफ है कि अगर अगस्त 2021 में औद्योगिक उत्पादन में बढ़ोतरी हुई तो आर्थिक गतिविधियों में भी उछाल आया है. इससे एकबार फिर लोगों को रोजगार के मौके मिल रहे हैं.