भारत का पहला वन उपचार केंद्र बनकर तैयार हो गया है. यह हीलिंग सेंटर उत्तराखंड के रानीखेत के कालिका में बनाया गया है. इसमें कुल 13 एकड़ जंगल की भूमि लगी है.
मालूम हो कि हीलिंग सेंटर्स का जनक जापान को माना जाता है और सबसे वन उपचार केंद्र का प्रयोग वहीं से शुरू हुआ था. इस जंगल के मुख्य वन संरक्षक संजीव चतुर्वेदी ने कहा कि इस हीलिंग सेंटर को जापानी तकनीक से प्रेरित होकर तैयार किया गया है.
उन्होंने बताया कि इस वन उपचार केंद्र में मनुष्य को मानसिक तनाव को दूर करने के साथ साथ शरीर को स्वस्थ्य और सुंदर बनाए रखने के तरीके बताए जाएंगे. उन्होंने बताया कि ऐसी जगहों में कई तरह की बीमारियों का प्राकृतिक रूप से निवारण किया जाता है.
जापान में ऐसे हीलिंग सेटर्स की शुरुआत 1982 के करीब हुई थी. जापान के बाद कई देशों ने जंगल हीलिंग सेटर्स विकसित किए. इन हीलिंग सेटर्स में मनुष्य को अपनी इंद्रियों को काबू करने पर जोर दिया जाता है.
बीमारियों को दूर करने लिए कई प्रणालियां
उन्होंने बताया कि यह हीलिंग सेंटर स्नान और प्राचीन भारतीय परंपराओं के साथ साथ जापानी तकनीक से प्रेरणा लेता है और इसका मूल विषय है, शांत रहना, कम सोचना और अपने मन को शांत रखना’.
हीलिंग सेंटर्स कैसे मनुष्य को मानसिक शांति देता है इस बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि- मानसिक शांति के लिए कई तरह की प्रणालियां अपनाई जाती है जिसमें वॉकिंग, ट्री-हगिंग और मेडिटेशन प्रमुख हैं.
उन्होंने कहा कि ट्री हगिंग एक अनोखी क्रिया है और जब भी आप इसके करेंगे तो इससे एक अजीब से शांति का एहसास होता है.
हम सब जानते हैं गौरा देवी ने जंगलों को कटने से बचाने के लिए गौरा देवी ने पेड़ों से चिपक कर दुनिया भर में नाम कमाया था और आज इस हीलिंग सेंटर में ट्री हगिंग को बढ़ावा दिया जा रहा है. रिसर्च के मुताबिक ऑक्सीटोसिन, सेरोटोनिन और डोपामाइन जैसे हार्मोन्स निकलते हैं जो व्यक्ति को गुड फील कराते हैं.
बता दें कि देश का पहला हीलिंग सेंटर ऐसे जंगल में तैयार किया गया है जहां पाइन जिसे हम देवदार के पेड़ के नाम से जानते हैं कि बाहुलता है. इस जंगल में कई जगहों पर बैठने की भी व्यवस्था की गई है ताकि लोग आराम से बैठकर ध्यान लगा सकें. ध्यान लगाने के लिए इस हीलिंग सेंटर में ट्री हाउस भी बनाए गए हैं.