रेलवे के अलग-अलग सेवाओं को मिलाकर बनाया गया इंडियन रेलवे मैनेजमेंट सर्विस(IRMS) कैडर अब अस्तित्व में आ गया है. इस संबंध में सरकार ने गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया है.
रेलवे ने स्पष्ट किया है कि IRMS से अधिकारियों की वरिष्ठता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. रेलवे की आठ सेवाओं को एकीकृत कर एक कैडर बनाने का फैसला पीयूष गोयल के रेलमंत्री रहते लिया गया था.
रेलवे ने कहा है कि महाप्रबंधक के 27 पदों को अपग्रेड कर ऊपरी ग्रेड दिया जाएगा. इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि पुरानी सेवाओं के योग्य अधिकारी (इलिजिबल ऑफिसर्स) को महाप्रबंधक का शीर्ष ग्रेड पद दिया जाए.
कैबिनेट नोट में कहा गया है कि आईआरएमएस के अधिकारी ही रेलवे बोर्ड के चैयरमेन/ कार्यकारी अधिकारी और कार्यकारी सदस्य बनने के योग्य होंगे.
इसलिए बनाया एक कैडर
अभी तक देश में चल रहे रेलवे से जुड़े अलग-अलग कैडर थे. सरकार ने 2019 में भारतीय रेलवे में अभियांत्रिकी, यातायात, यांत्रिक और विद्युत सहित विभिन्न विभागों के लिए मौजूदा आठ सेवाओं की जगह केवल एक संवर्ग ‘भारतीय रेल सेवा’ बनाने का निर्णय लिया था. सरकार का मानना है कि इससे रेलवे की कार्य प्रक्रिया अधिक बेहतर होगी. निर्णय लेने में तेजी, आर्गेनाइजेशन का बेहतर स्वरूप, नौकरशाही पर लगाम और तर्कसंगत निर्णयों को बढ़ावा मिलेगा.
तत्कालीन रेल मंत्री पीयूष गोयल ने रेलवे सेवाओं के एकीकरण को समय की जरूरत बताते हुए 24 दिसंबर 2019 को हुई कैबिनेट मीटिंग के बाद कहा था कि इस फैसले के बाद सब लोग डिपार्टमेंट से ऊपर सोचेंगे, गुटबाज़ी खत्म होगी. इंडियन रेलवे मैनेजमेंट सर्विस पर सबकी सहमति ली गई है. भारत की अर्थव्यवस्था को भी इससे बल मिलेगा.
हालांकि, रेलवे की अलग-अलग सेवाओं के अधिकारियों में कैडर्स को मर्ज करने के सरकार के फैसले से बैचेनी देखी जा रही थी. शुरू में अधिकारियों ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा था कि इससे उनके प्रमोशन आदि पर असर पड़ेगा. शुरू में सरकार को भी लगा था कि इसका भारी विरोध होगा, लेकिन ऐसा हुआ नहीं.