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दुनिया के रोमांटिक देश सेशेल्स के रामकलावन हुए महामहिम, भारत के और करीब आया ये द्वीप

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रामकलावन

आइए आज आपको प्राकृतिक छटा के बीच बसे एक खूबसूरत देश लिए चलते हैं. यह छोटा सा राष्ट्र अपने समुद्र बीचों के लिए दुनिया भर के सैलानियों का आकर्षण का केंद्र रहा है, यही नहीं इसकी आमदनी का बहुत बड़ा भाग पर्यटन उद्योग से ही आता है. जी हां हम बात कर रहे हैं सेशेल्स देश की.

लेकिन आज हम इसकी खूबसूरती और शानदार द्वीपीय नजारों के साथ राजनीति पर भी चर्चा करेंगे. सेशेल्स ने एक बार फिर भारतीयों का ध्यान खींचा है.

भारत की मिट्टी से निकले पूर्वज के बेटे वैवेल रामकलावन इस देश के राष्ट्रपति निर्वाचित घोषित किए गए हैं. यह हमारे देश के लिए गर्व की बात है. बता दें कि 43 साल बाद विपक्ष का कोई नेता सेशेल्स का राष्ट्रपति चुना गया है. रामकलावन की जड़ें बिहार से जुड़ी हैं. राष्ट्रपति निर्वाचित होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रामकलावन को बधाई दी है.

पीएम मोदी ने कहा कि स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव के लिए सेशेल्स के लोगों को बधाई. यह लोकतंत्र के लिए एक जीत है, एक सामान्य मूल्य जो भारत और सेशेल्स को बांधता है. पूर्वी अफ्रीकी देश सेशेल्स की आबादी एक लाख से कम है. सेशेल्स में 1977 के बाद पहली बार विपक्ष का कोई नेता राष्ट्रपति निर्वाचित हुआ है. रामकलावन की पार्टी का नाम लिनयोन डेमोक्रेटिक सेसेलवा पार्टी है.

निवर्तमान राष्ट्रपति फॉरे की यूनाइडेट सेशेल्स पार्टी पिछले 43 साल से सत्ता में थी
रामकलावन ने निवर्तमान राष्ट्रपति फॉरे के साथ मिलकर काम करने का वादा किया. यहां हम आपको बता दें कि आमतौर पर अफ्रीकी देशों में सत्ता का हस्तांतरण सामान्य तरीके से नहीं होता. जीत के बाद रामकलावन ने कहा कि फॉरे और मैं अच्छे दोस्त हैं, एक चुनाव का यह मतलब नहीं है कि अपनी मातृभूमि में किसी का योगदान खत्म हो जाता है.

उन्होंने कहा इस चुनाव में न कोई पराजित हुआ है और न कोई विजयी. यह हमारे देश की जीत है. रामकलावन जब भाषण दे रहे थे तब फॉरे उनकी बगल में ही बैठे थे. रामकलावन की बातों से अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस देश की राजनीति में नैतिकता और मर्यादा सर्वोपरि है .

बिहार के मोतिहारी के रहने वाले थे रामकलावन के पूर्वज
रामकलावन के परदादा 130 साल पहले 1883 में बिहार के मोतीहारी जिले के परसौनी गांव से कलकत्ता (अब कोलकाता) होते हुए मारीशस पहुंचे थे. जहां वह गन्ने के खेत में काम करने लगे. कुछ समय बाद वह सेशेल्स चले गए थे.

सेशेल्स में ही 1961 में रामकलावन का जन्म हुआ था. वर्ष 2018 में रामकलावन सांसदों के पहले सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए दिल्ली आए थे. तब वह अपने पूर्वजों के गांव परसौनी भी गए थे. उस समय वह सेशेल्स की संसद नेशनल असेंबली के सदस्य थे. जब इसकी जानकारी बिहार खासतौर पर मोतिहारी के लोगों को हुई तो उन्होंने भी खुशियां मनाई . इन दिनों बिहार भी विधानसभा चुनाव के शोर में मशगूल है.

सेशेल्स दुनिया के सबसे खूबसूरत द्वीपो में गिना जाता है
सेशेल्स एक रोमांटिक द्वीप समूह के अलावा एक खूबसूरत देश भी है. इस देश की राजधानी विक्टोरिया है. यह द्वीप समूह दुनिया के खूबसूरत द्वीपो में गिना जाता है. अगर आप घूमना पसंद करते हैं तो कम खर्च में जा सकते हैं. यहां पर मालदीव जैसा नजारा देखने को मिलता है.

यह द्वीप समूह चारों ओर से सागरों से घिरा हुआ है और दुनिया में प्रसिद्ध है. देश के सभी कोनों से लोग यहां घूमने आते हैं . आपको बता दें कि सेशेल्स हिंद महासागर में स्थित 115 द्वीपों वाला एक द्वीपसमूह राष्ट्र है. यह अफ्रीकी मुख्यभूमि से लगभग 1500 किलोमीटर दूर पूर्व दिशा मे और मेडागास्कर के उत्तर पूर्व मे हिंद महासागर में स्थित है. इसके पश्चिम मे जांजीबार, दक्षिण मे मॉरीशस और रीयूनियन, दक्षिण पश्चिम मे कोमोरोस और मयॉट और उत्तर पूर्व मे मालदीव का सुवाडिवेस स्थित है.

सेशेल्स‌ को वर्ष 1976 में अंग्रेजों से मिली थी आजादी
सेशेल्स‌ देश (द्वीपसमूह) का खोज 1500 ईस्वी के बाद यूरोपीयन द्वारा किया गया था. अगले 150 साल तक कई यूरोपीयन यहां रहने लगे थे. 1756 में फ्रांस ने इन द्वीपसमूहों पर कब्जा कर लिया. इन सभी द्वीपसमूहों का नाम ‘सेशेल्स’ दिया गया था जो एक फ्रांसीसी वित्तमंत्री के नाम पर रखा गया था.

1814 में अंग्रेजों ने जब फ्रांस के सम्राट नेपोलियन को हरा दिया तब इन द्वीपसमूहों पर अंग्रेजों का कब्जा हो गया. 1976 में इन द्वीपसमूहों को अंग्रेजों से पूरी तरह आजादी मिली.

माहे देश का सबसे बड़ा द्वीप है. जिसका क्षेत्रफल 157 वर्ग किलोमीटर है. बता दें कि इस देश के ज्यादातर द्वीपों पर आबादी नहीं रहती है, और ये द्वीप प्राकृतिक संसाधनों से भरे पड़े हैं.

शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार

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