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समुद्र में और बढ़ेगी भारत की ताकत, आईएनएस वेला होगी भारतीय नौसना में शामिल

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आईएनएस वेला

25 नवंबर को आईएनएस वेला भारतीय नौसेना के बेड़े में शामिल होगी भारतीय नौसेना ने ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी है कि. नेवी ने इसे आत्मनिर्भर भारत का उदाहरण बताया है. इसे मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (MDL) द्वारा बनाया गया है.

वेला स्कॉर्पीन डिजाइन की छह पनडुब्बियों में से एक है, जिसे मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड द्वारा मुंबई में फ्रांसीसी फर्म नेवल ग्रुप के टेक्नोलॉजी ट्रांसफर से बनाया जा रहा है. आइए इस अत्याधुनिक आईएनएस के बारे में विस्तार से जानते हैं.

देश की चौथी स्कॉर्पीन कटेगरी की पनडुब्बी आईएनएस वेला का दो साल से अधिक तक ट्रायल किए जाने के बाद 25 नवंबर को बेड़े में शामिल किया जा रहा है. भारत ने पहली बार मई 2019 में इसका परीक्षण किया था.

जब दुश्मन से निपटने की बात आती है तो आईएनएस वेला को एडवांस्ड स्टील्थ और लड़ाकू क्षमताओं के लिए जाना जाता है. इस डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बी को मुंबई में मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड द्वारा प्रोजेक्ट 75 के तहत बनाया गया है.

स्कॉर्पीन कटेगरी की यह पनडुब्बी एंटी-सरफेस वॉर, एंटी-सबमरीन वॉर, खुफिया जानकारी जमा करने, माइन बिछाने, निगरानी जैसे कई मिशन को अंजाम दे सकती है. इसे अल्ट्रामॉडर्न टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से बनाया गया है.

इसके टॉप साइलेंसिंग तकनीक, लो रेडिएटेड नॉइज लेवल, हाइड्रो-डायनामिक शेप, निर्देशित हथियारों का इस्तेमाल कर दुश्मन पर अटैक करना इसे ख़ास बनाता है.

इसके जरिए पानी के भीतर या सतह पर एक ही समय में टॉरपीडो के साथ-साथ ट्यूब से लॉन्च्ड एंटी-शिप मिसाइलों का इस्तेमाल करके हमले किए जा सकते हैं.

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