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Tokyo Olympics: भारतीय महिला गोल्फर अदिति अशोक ओलंपिक में एक शॉट से इतिहास बनाने से चूकी

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टोक्यो|… भारतीय महिला गोल्फर अदिति अशोक ओलंपिक में इतिहास बनाने से चूक गईं. अदिति ने आखिरी होल्स में मेडल गंवा दिया. अमेरिका की नेली कोर्डा ने गोल्ड जीता है. अदिति 13वें होल तक दूसरे स्थान पर चल रही थीं लेकिन आखिरी पांच होल में वह जापान की मोने इनामी और न्यूजीलैंड की लीडिया से पिछड़ गईं.

चौथे राउंड में अदिति अशोक ने तीन अंडर 68 का कार्ड खेला. मुकाबले की बात करें तो अदिति 15 अंडर 269 स्कोर के साथ चौथे स्थान पर रहीं. मेजबान जापान की मोने इनामी ने सिल्वर मेडल जीता जबकि रियो ओलंपिक में रजत पदक जीतने वाली लीडिया ने ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया.

ओलंपिक में ऐतिहासिक पदक के करीब पहुंची अदिति ने शनिवार सुबह दूसरे नंबर से शुरुआत की थी लेकिन वह पिछड़ गई. अदिति पूरे समय पदक की दौड़ में थी लेकिन दो बोगी से वह लीडिया से पीछे रह गईं जिन्होंने आखिरी दौर में नौ बर्डी लगाये. इसके बावजूद रियो ओलंपिक में 41वें स्थान पर रही अदिति ने यादगार प्रदर्शन किया है.

जानें कौन हैं अदिति अशोक
अदिति का जन्म 29 मार्च 1988 को कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में हुआ था. वर्तमान में वह भारत की सर्वश्रेष्ठ महिला गोल्फर हैं. सिर्फ 5 साल की उम्र में अदिति ने गोल्फ खेलना शुरू कर दिया था. अदिति एक बार पिता अशोक गुडलामणि और मां मैश के साथ एक रेस्तरां गई थी जो गोल्फ कोर्स के बगल था. गोल्फ कोर्स से चीयर सुनकर वह इस खेल के लिए आकर्षित हुईं. इसके बाद अदिति अपने पिता अशोक और मां मैश के साथ गोल्फ खेलना शुरू कर दिया.

गोल्फ जल्द ही अदिति के जीवन का अहम हिस्सा बन गया. उन्हें परिवार की तरफ से भी पूरा सपोर्ट मिला. 9 साल की उम्र में इस युवा गोल्‍फर ने अपना पहला टूर्नामेंट जीता और 12 साल की उम्र में तो नेशनल टीम का हिस्‍सा बन गईं. अदिति लेडिज यूरोपियन टूर टाइटल जीतने वाली पहली भारतीय हैं. 2016 में रियो ओलंपिक में उतरते ही अदिति ने सबसे कम उम्र की गोल्‍फर होने का गौरव हासिल किया था. रियो में अदिति के पिता ने कैडी की भूमिका निभाई जबकि टोक्यो में उन्हें मां का साथ मिला.

टोक्यो ओलंपिक में भारत के नाम 5 पदक
भारत ने टोक्यो ओलंपिक में अब तक कुल 5 पदक जीता है. अब पहलवान बजरंग पूनिया से कांस्य और नीरज चोपड़ा से गोल्ड की आस है. भारत के लिए पहला रजत पदक वेटलिफ्टर मीराबाई चानू ने 24 अगस्त को जीता था. इसके बाद पीवी सिंधु और लवलीना बोरगोहेन ने बैडमिंटन और मुक्केबाजी में एक-एक कांस्य पदक जीता. इसके बाद पुरुष हॉकी टीम ने भारत को टोक्यो गेम्स का चौथा पदक दिलाया. पहलवान रवि दहिया ने गुरुवार (5 अगस्त) को भारत को दूसरा सिल्वर मेडल दिलाया है.

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