कुल प्रजनन दर में आई गिरावट, घटेगी देश की जनसंख्या!

भारत की जनसंख्या में कुल प्रजनन दर (TFR) में गिरावट आयी है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे (NFHS) के आंकड़े जारी किए. कुल प्रजनन दर (टीएफआर), राष्ट्रीय स्तर पर प्रति महिला बच्चों की औसत संख्या 2.2 से घटकर 2.0 हो गई है. मध्य प्रदेश, राजस्थान, झारखंड और उत्तर प्रदेश को छोड़कर सभी चरण-II राज्यों ने प्रजनन क्षमता का प्रतिस्थापन स्तर (2.1) हासिल कर लिया है. बड़े राज्यों में, अब केवल तीन राज्य- बिहार (3.0), उत्तर प्रदेश (2.4) और झारखंड (2.3) हैं जहां टीएफआर प्रतिस्थापन स्तर से ऊपर है.

पुरुषों के मुकाबले महिलाओं की संख्या में वृद्धि
नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे के मुताबिक देश में पुरुषों के मुकाबले अब महिलाओं की संख्या ज्यादा हो गई है. सर्वे के ताज़ा आंकड़ों में कहा गया है कि भारत में अब 1000 पुरुषों पर 1020 महिलाएं हैं. वर्ष 2005-06 में के दौरान हुए तीसरे नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे में ये आंकड़ा 1000-1000 के साथ बराबर हो गया. इसके बाद 2015-16 में चौथे सर्वे में इन आंकड़ों में फिर आई तब 1000 पुरुषों के मुकाबले 991 महिलाएं थीं.

2019-21 में नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे -3 और नवीनतम नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे -5 के बीच, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश और बिहार जैसे कुछ सबसे अधिक आबादी वाले राज्यों के कुल प्रजनन दर (TFR) में उल्लेखनीय गिरावट देखी गई है जिसने भारत की समग्र दर को प्रतिस्थापन स्तर से कम करने में मदद की है.नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे -5 सर्वेक्षण कार्य देश के 707 जिलों (मार्च, 2017 तक) के लगभग 6.1 लाख नमूना परिवारों में किया गया है, जिसमें जिला स्तर तक अलग-अलग अनुमान प्रदान करने के लिए 724,115 महिलाओं और 101,839 पुरुषों को शामिल किया गया.

राज्यों का हाल
नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे -5 का पहला चरण 17 जून, 2019 से 30 जनवरी, 2020 तक और दूसरा चरण 2 जनवरी, 2020 से 30 अप्रैल, 2021 तक आयोजित किया गया था. दूसरे चरण में जिन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों का सर्वेक्षण किया गया, वे हैं अरुणाचल प्रदेश, चंडीगढ़, छत्तीसगढ़, हरियाणा, झारखंड, मध्य प्रदेश, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्रदिल्ली, ओडिशा, पुद्दुचेरी, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड. पहले चरण में शामिल 22 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के संबंध में नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे -5 के निष्कर्ष दिसंबर, 2020 में जारी किए गए थे.

कश्मीर में सबसे अधिक गिरावट
बड़े राज्यों में सबसे कम प्रजनन दर जम्मू-कश्मीर में 1.4 है. यह वह राज्य भी है जिसने 2015-16 में पिछले नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे सर्वेक्षण और नवीनतम के बीच प्रजनन दर में सबसे अधिक 0.6 की गिरावट दर्ज की गई है. बड़े राज्यों में, केरल और पंजाब में नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे -4 में सबसे कम प्रजनन दर 1.6 थी. हालाँकि, जबकि पंजाब की प्रजनन दर समान बनी हुई है, केरल और तमिलनाडु भारत के ऐसे राज्य हैं जहाँ प्रजनन दर 2019-21 के सर्वेक्षण में मामूली रूप से बढ़कर 1.8 हो गई.

दक्षिण कोरिया के बराबर हुई प्रजनन दर
सिक्किम की प्रजनन दर दुनिया में सबसे कम दक्षिण कोरिया की प्रजनन दर के बराबर है. यूनाइटेड नेशंस पॉपुलेशन डाटा के मुताबिक सबसे ज्यादा प्रजनन दर नाइजर (6.9) और सोमालिया (6.1) की है. अगर भारत के पड़ोसी राज्यों की बात करें तो नेपाल में कुल प्रजनन दर भारत और बांग्लादेश के बाद सबसे कम है, वहीं, अफ्रीका में यह 4.4 है, जबकि ओशिनिया देशों में 2.4 है.

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