पिछले 10-11 महीनों से पूर्वी लद्दाख में जारी गतिरोध पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को राज्यसभा में कहा कि पैंगोंग से सैनिकों की वापसी के संबंध में चीन के साथ समझौता हो गया है. उन्होंने बताया कि पैंगोंग झील के उत्तरी एवं दक्षिणी हिस्से से सैनिकों की वापसी के लिए योजना पर भारत और चीन सहमत हो गए हैं. दोनों पक्ष अग्रिम क्षेत्रों से सैनिकों को चरणबद्ध तरीके से हटाएंगे.
सैनिकों की वापसी के संबध में उन्होंने कहा, ‘मैं इस सदन को आश्वस्त करना चाहता हूं कि हमने कुछ नहीं खोया है. मैं सदन को बताना चाहता हूं कि वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तैनाती, गश्त के संबंध में कुछ मुद्दे लंबित हैं. दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए हैं कि द्विपक्षीय समझौतों के तहत सैनिकों की पूर्ण वापसी जल्द होनी चाहिए. देश की संप्रभुता की रक्षा के लिए भारत के संकल्प से चीन अवगत है. हम अपनी एक इंच जमीन भी किसी और को नहीं लेने देंगे. हमारे दृढ़ संकल्प का ही फल है कि हम समझौते की स्थिति पर पहुंच गए हैं.
लोकसभा में राजनाथ सिंह ने कहा, ‘पिछले साल सितंबर के बाद से दोनों पक्षों (भारत और चीन) ने सैन्य और राजनयिक चैनलों के माध्यम से एक दूसरे के साथ संचार बनाए रखा है. हमारा उद्देश्य शांति बहाल करने के लिए LAC पर यथास्थिति बनाए रखना था.
हमारे सशस्त्र बलों ने एकतरफा चीनी कार्रवाई की चुनौतियों का जवाब दिया और पैंगोंग त्सो के दक्षिण और उत्तर दोनों किनारों पर वीरता और साहस दिखाया. कई महत्वपूर्ण रणनीतिक बिंदुओं पर हमारे सैनिकों ने खुद को तैनात किया. विपरीत परिस्थितियों में हमारे सशस्त्र बलों की इस बहादुरी के कारण हमने बढ़त बनाए रखी है. हमारी सशस्त्र सेनाओं ने फिर से साबित कर दिया कि हमारे देश की क्षेत्रीय अखंडता उनके हाथों में सुरक्षित है.
अब भारतीय सेना ने लद्दाख में चल रही डिसएंगेजमेंट प्रोसेस का वीडियो जारी किया है. इसमें दिखाया गया है कि दोनों पक्षों के बीच बैठकें हुईं, जिसमें पीछे हटने पर सहमति बनी. इसके बाद वीडियो में चीनी सेना के टैंकों को पीछे जाते हुए देखा जा सकता है. भारतीय सेना के टैंक भी पीछे हट रहे हैं.
रक्षा मंत्री ने यह आश्वासन भी दिया कि इस प्रक्रिया के दौरान भारत ने कुछ भी खोया नहीं है. उन्होंने कहा कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के अन्य क्षेत्रों में तैनाती और निगरानी के बारे में कुछ लंबित मुद्दे बचे हैं. इन पर हमारा ध्यान आगे की बातचीत में रहेगा.
पूर्वी लद्दाख के पैंगोंग झील से भारतीय और चीनी सेनाएं आपसी सहमति से हट रही पीछे, सामना आया वीडियो
Topics
- Featured
- podcast
- technical
- अनोखेलाल
- अल्मोड़ा
- अल्मोड़ा
- अल्मोड़ा
- उत्तरकाशी
- उत्तरकाशी
- उत्तरकाशी
- उत्तराखंड
- उत्तराखंड चुनाव 2022
- उधमसिंह नगर
- उधमसिंह नगर
- एक नज़र इधर भी
- करियर
- कुमाऊं
- क्राइम
- क्रिकेट
- खुशखबरी
- खेल-खिलाड़ी
- गढ़वाल
- चंपावत
- चंपावत
- चंपावत
- चमोली
- चमोली
- चमोली
- चुनाव 2024
- ज़िला अल्मोड़ा
- ज़िला उत्तरकाशी
- ज़िला ऊधम सिंह नगर
- ज़िला चंपावत
- ज़िला चमोली
- ज़िला टिहरी
- ज़िला देहरादून
- ज़िला नैनीताल
- ज़िला पिथौरागढ़
- ज़िला पौड़ी
- ज़िला बागेश्वर
- ज़िला रुद्रप्रयाग
- ज़िला हरिद्वार
- ज्योतिष
- टिहरी
- टिहरी
- टिहरी
- टॉप कॉलेज
- टॉप स्कूल
- ताजा हलचल
- देश
- देहरादून
- देहरादून
- देहरादून
- धर्म
- नैनीताल
- नैनीताल
- नैनीताल
- पंजाब चुनाव 2022
- पर्यटन
- पर्यटन के आयाम
- पिथौरागढ़
- पिथौरागढ़
- पिथौरागढ़
- पौड़ी
- पौड़ी
- पौड़ी
- प्रतिभा सम्मान
- फोटो गैलेरी
- बड़ी खबर
- बागेश्वर
- बागेश्वर
- बागेश्वर
- बिजनेस
- मंथन
- मनोरंजन
- मौसम
- यूपी चुनाव 2022
- राज्य-नीतिक हलचल
- रिजल्ट
- रिलेशनशिप
- रुद्रप्रयाग
- रुद्रप्रयाग
- रुद्रप्रयाग
- लाइफस्टाइल
- लोकहित कार्य नीति
- विदेश
- वीडियो
- व्यवसाय की गति
- शिक्षा
- शिक्षा नीति
- सपनों का उत्तराखंड
- स्कॉलरशिप
- स्वास्थ्य
- हमारी विरासत
- हरिद्वार
- हरिद्वार
- हरिद्वार
- हादसा
- हैलो उत्तराखंड
- होम
More
Popular Categories