भारतीय सेना ने नए साल के मौके पर लद्दाख की गलवान घाटी में तिरंगा फहराया है. सुरक्षा एजेंसियों के सूत्रों के अनुसार, भारतीय सेना के जवानों ने नए साल की पूर्व संध्या पर गलवान में राष्ट्रीय ध्वज फहराया था. सेना ने यह कदम ऐसे समय में उठाया है, जबकि मीडिया के कुछ हिस्से में आई खबरों में यह दावा किया गया था कि चीनी सैनिकों ने कुछ दिन पहले इस क्षेत्र में अपना झंडा लहराया था.
कुछ दिनों पहले ही चीन के सरकारी अखबार ‘ग्लोबल टाइम्स’ की खबर के अनुसार चीन ने भारत के पूर्वोत्तर राज्य अरुणाचल प्रदेश में 15 और स्थानों के लिए चीनी अक्षरों, तिब्बती और रोमन वर्णमाला के नामों की घोषणा की थी. चीन अरुणाचल प्रदेश के दक्षिण तिब्बत होने का दावा करता है.
हालांकि भारत ने चीन द्वारा अरुणाचल प्रदेश के 15 स्थानों के नाम बदलने के कदम को स्पष्ट रूप से खारिज किया था और जोर देकर कहा था कि यह राज्य हमेशा से भारत का अभिन्न अंग रहा है और हमेशा रहेगा क्योंकि ”गढ़े” गए नामों से यह तथ्य नहीं बदलेगा. भारत और चीन सीमा 3,488 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) साझा करते हैं जिसे लेकर दोनों के बीच विवाद है.
चीन द्वारा अरुणाचल प्रदेश के कुछ स्थानों का नाम अपनी भाषा में बदलने की खबरों पर मीडिया के एक सवाल के जवाब में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा था कि चीन ने अप्रैल 2017 में भी ऐसे नाम देने की मांग की थी. 2020 में गलवान घाटी में हुए संघर्ष के बाद कई दौर की सैन्य और कूटनीतिक वार्ता गतिरोध को देखते हुए समाप्त हो गई है.