दो महीन से ज्यादा समय से चल रहे रूस-यूक्रेन युद्द के बीच भारतीय वायुसेना प्रमुख ने भविष्य के युद्ध को लेकर बड़ा दिया है. गुरुवार को भारतीय वायु सेना प्रमुख वी. आर. चौधरी ने कहा कि मौजूदा भू-राजनीतिक परिस्थितियों में भारतीय वायु सेना को कम समय में तेजी से होने वाले छोटी अवधि के युद्ध संचालन के लिए तैयार रहने की जरूरत होगी.
उन्होंने कहा कि एयरफोर्स को छोटी अवधि के युद्धों और पूर्वी लद्दाख जैसे लंबे समय तक चलने वाले गतिरोध से निपटने के लिए तैयार रहने की आवश्यकता होगी.
चौधरी ने कहा कि भारतीय वायु सेना के हाल के अनुभव तथा भू-राजनीतिक परिदृश्य में हमें हर वक्त ऑपरेशन मोड और साजो-सामान की दृष्टि से तैयार रहने की जरूरत रहेगी. मौजूदा भू-राजनीतिक हालात में भारतीय वायु सेना को कम समय में तेजी से होने एवं छोटी अवधि के अभियानों के लिए तैयार रहने की आवश्यकता है.
इस तरह के अभियानों के लिए नए तरीकों की जरूरत होगी. जिसके लिए संचालनात्मक तंत्र में बड़े बदलाव करने की आवश्यकता पड़ेगी.
उत्तरी सीमाओं पर भारत की सुरक्षा चुनौतियों पर एयर चीफ मार्शल चौधरी ने कहा कि भारतीय वायुसेना को सभी संभावित सुरक्षा चुनौतियों के लिए तैयार रहने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि पूर्वी लद्दाख में जो हम देख रहे हैं, उस तरह के लंबे समय तक चलने वाले गतिरोधों से निपटने के लिए तैयार रहने की आवश्यकता भी होगी.
वायु सेना प्रमुख ने कहा कि ऐसे अभियानों के लिए ‘संसाधनों को जोड़ना’ और उनके परिवहन को मुमकिन बनाने की आवश्यकता होगी. उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना को हासिल करने के लिए महत्वपूर्ण फैक्टर्स के स्वदेशीकरण के लिए एक केंद्रीकृत योजना विकसित करने की भी जरूरत है.