पाकिस्तान की संसद में भारतीय विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान का एक बार फिर जिक्र हुआ है. इस बार विंग कमांडर अभिनंदन का जिक्र होने से एक बार फिर पाकिस्तान की कलई खुल गई है. पाकिस्तान ने दावा किया है कि उसने डर के कारण अभिनंदन को भारतीय सेना को वापस सौंपा था.
पाकिस्तान के इस दावे के बाद भारतीय वायुसेना के पूर्व प्रमुख बीएस धनोआ की प्रतिक्रिया सामने आई है. बीएस धनोआ ने कहा कि पाकिस्तान की ओर से जिस तरह से बयान दिए जा रहे हैं उसका कारण उस वक्त भारतीय वायुसेना की पोजीशन थी.
उन्होंने कहा कि उस वक्त भारतीय सेना काफी अग्रेसिव थी, हम ऐसी स्थिति में थे कि अगर पाकिस्तान अभिनंदन को नहीं छोड़ता तो हम उनकी पूरी ब्रिगेड को खत्म कर सकते थे और वे ये बात जानते थे.
पूर्व वायुसेना प्रमुख ने कहा कि मैंने अभिनंदन के पिता के साथ काम किया है. मैंने अभिनंदन के पिता को वादा किया था कि हम उसे वापस लाएंगे. 1999 की घटना को याद करते हुए धनोआ ने कहा कि पाकिस्तान ने उस समय हमें धोखा दिया था, इसलिए हम पहले से ही सर्तक हो गए थे.
पाकिस्तान के सांसद अयाज सादिक ने पाकिस्तानी संसद में कहा कि बालाकोट में भारत के हवाई हमले के अगले दिन यानी 27 फरवरी को पाकिस्तान ने भारत में हवाई हमले की कोशिश की थी. उसके लड़ाकू विमान भारत की तरफ बढ़े थे, लेकिन विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान और दूसरे जांबाज पायलटों ने उन्हें खदेड़ दिया था.
अभिनंदन ने पाकिस्तान के एफ-16 लड़ाकू विमान को मार गिराया था. इसी दौरान अभिनंदन का विमान सीमा पार कर गया था और पाकिस्तान के निशाने पर आ गया था. अभिनंदन पैराशूट से कूद गए, लेकिन वह पाकिस्तानी सीमा में पहुंच गए थे, जहां उन्हें बंदी बना लिया गया था.
विंग कमांडर अभिनंदन को छोड़ने के लिए भारत ने भारी दबाव बनाया था. इसी दौरान अमित शाह ने यह अहम बैठक की थी. अयाज सादिक के मुताबिक इस बैठक में इमरान खान को भी शामिल होना था, लेकिन वो नहीं आए. सादिक ने दावा किया कि बैठक में आए शाह के पैर कांप रहे थे और उन्होंने कहा था कि हमने अभिनंदन को नहीं छोड़ा तो भारत पाकिस्तान पर हमला कर देगा. बता दें कि पाकिस्तान ने एक मार्च, 2019 को अटारी बॉर्डर पर सही सलामत अभिनंदन को भारत को सौंप दिया था.