नई दिल्ली| भारत ने मिसाइल क्षेत्र में एक और मुकाम हासिल किया है. शुक्रवार को एंटी-रेडिएशन मिसाइल रूद्रम का लड़ाकू विमान सुखोई-30 से सफल टेस्टिंग की गई.
इस मिसाइल को रक्षा अनुसंधान व विकास परिषद ने विकसित किया है. पूर्वी तट पर इस मिसाइल की टेस्टिंग हुई.
‘रूद्रम’ अपने तरह की एक अलग मिसाइल है. लड़ाकू विमानों मिराज 2000, जगुआर, तेजस और तेजस मार्क 2 को भी इस मिसाइल से लैस किया जा सकता है. इस मिसाइल की टेस्टिंग के बाद भारतीय वायु सेना की सामरिक क्षमता में और इजाफा हो गया है.
दुश्मन की वायु रक्षा व्यवस्था को नष्ट करने के उद्देश्य से बनाई गई यह मिसाइल अलग-अलग ऊंचाई वाली जगहों से दागी जा सकती है.
इससे पहले बीते सोमवार को भारत ने ओडिशा तट के ह्वीलर द्वीप से सुपरसोनिक असिस्टेड रिलीज ऑफ टॉरपीडो (एसएमएआरटी) का सफल परीक्षण किया.
टॉरपीडो के रेंज से बाहर एंटी सबमरीन वॉरफेयर (एएसडब्बल्यू) अभियान में यह मिसाइल काफी उपयोगी साबित होगी. सीमा पर चीन के साथ जारी तनाव के बीच इन मिसाइलों की टेस्टिंग काफी अहम मानी जा रही है.
अब तक हुई कितनी मिसाइलों की टेस्टिंग?
>>7 सितंबर को भारत ने हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी डेमॉन्स्ट्रेटर व्हीकल (एचएसटीडीवी) को टेस्ट किया, जो आवाज की गति से पांच गुना ज्यादा की स्पीड से ट्रैवल करता है.
>>30 सितंबर को ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल के क्रूज वर्जन को टेस्ट किया गया जिसकी रेंज को बढ़ाकर 400 किलोमीटर किया गया है. वर्तमान समय में इसकी रेंज 290 किलोमीटर है.
>>इसके बाद 3 अक्टूबर को 700 किलोमीटर की रेंज वाली शौर्य मिसाइल को टेस्ट किया गया है. इसकी रेंज को बढ़ाकर 800 किमी तक किया जा सकता है.
>>अगले कुछ दिनों में निर्भय क्रूज मिसाइल का टेस्ट होना है जो कि करीब 800 किमी रेंज वाली है, निर्भय मिसाइल को सेना और नौसेना दोनों में ही शामिल किया जाएगा.