भारत ने पुलवामा आतंकी हमला मामले में औपचारिक रूप से पाकिस्तान से पूछताछ करेगा. भारत केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के काफिले पर जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए हमले में शामिल आतंकवादियों का पाकिस्तान से ब्योरा मांगेगा. इस आत्मघाती बम हमले में 40 भारतीय सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए थे. इस आतंकी घटना के बाद दोनों देशों को युद्ध के कगार पर आ गए थे.
खबर है कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने एक औपचारिक न्यायिक अनुरोध या लेटर रोजेटरी , तैयार किया है, जिसमें सात आतंकियों, पाकिस्तान में मौजूद मौलाना मसूद अजहर, उसके भाई अब्दुल रऊफ असगर और इब्राहिम अतहर तथा उसके चचेरे भाई अम्मार अल्वी के बारे में जानकारी मांगी गई है.
अंग्रेजी अखबार की एक रिपोर्ट के अनुसार इस पूरे मामले से वाकिफ अधिकारियों ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि साथ ही हमले को अंजाम देने के लिए भारत आए तीन पाकिस्तानी, अतहर का बेटा उमर फारूक, कामरान (दोनों पुलवामा हमले के बाद सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मारे गए) और इस्माइल उर्फ सैफुल्ला की जानकारी मंत्रालय के पास है. माना जाता है कि इस्माइल कश्मीर में छिपा है.
मंत्रालय द्वारा दस्तावेज को अंतिम रूप देने के बाद अदालत से पाकिस्तान को न्यायिक अनुरोध भेजने की अनुमति मांगी जाएगी. एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, ‘यह पुलवामा हमले में पाकिस्तान को भेजा गया पहला ऐसा न्यायिक अनुरोध है, जिसमें उससे सहयोग मांगा जा रहा है.’
अजहर, असगर, अतहर और अल्वी के ठिकाने के अलावा, भारत उनके और अन्य लोगों के बीच व्हाट्सएप चैट, वॉयस नोट और वॉयस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल (वीओआईपी) कॉल और पाकिस्तान से किए गए कॉल, और तस्वीरों में देखे गए लोगों की जानकारी सहित अन्य जानकारियों की तलाश कर रहा है. उमर फारूक के फोन से बरामद तस्वीरों और वीडियो में पुलवामा हमले की तैयारी के अलग-अलग चरणों के बारे में जानकारी मिली है.
फारूक को 14 फरवरी, 2019 को पुलवामा हमले की निगरानी के लिए अप्रैल 2018 में भारत भेजा गया था. रिपोर्ट के अनुसार अपने आधिकारिक अनुरोध में भारत सरकार फारूक के फोन से निकाले गए जीपीएस लोकेशन की जानकारी के साथ-साथ पाकिस्तान में मीज़ान बैंक और एलाइड बैंक में उसके खातों में किए गए 10 लाख रुपये के भुगतान का विवरण भी मांगा है. जांच के दौरान एनआईए को इसकी जानकारी हुई है.
एनआईए ने 25 अगस्त को 13,500 पेज की चार्जशीट दायर की, जिसमें जैश प्रमुख, मसूद अजहर सहित सभी सात पाकिस्तानियों के नाम थे. साथ ही इसमें पुलवामा हमले के जिम्मेदार 12 अन्य लोगों के नाम भी थे.
अखबार की रिपोर्ट के अनुसार गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि पाकिस्तान को मजबूत न्यायिक अनुरोध भेजा जा रहा है. हमें उम्मीद है कि पाकिस्तान उन्हें शरण देने के बजाय जैश प्रमुख और उसके परिवार के सदस्यों के खिलाफ सबूत मुहैया कराते हुए कार्रवाई करेगा.
साभार-न्यूज़ 18