इस्लामाबाद|…. इस साल फरवरी में भारत-पाकिस्तान के बीच नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम के सभी समझौतों का सख्ती से पालन करने को लेकर जो सहमति जताई गई थी, उससे ये उम्मीद थी कि दोनों देशों के बीच एक बार फिर से रिश्ते सुधरेंगे.
लेकिन अब खबर है कि पाकिस्तान एक बार फिर से कश्मीर का राग अलापने लगा है. लिहाजा दोनों देशों के रिश्तों में एक बार फिर से खटास आ सकती है.
एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक पाकिस्तान एक बार फिर से जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग कर रहा है. बता दें कि 5 अगस्त 2019 को राज्यसभा और लोकसभा में एक विधेयक के जरिये जम्मू, कश्मीर और लद्दाख को अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया था. साथ ही इस क्षेत्र से अनुच्छेद 370 के कई प्रावधान खत्म किये गये और अनुच्छेद 35ए को पूरी तरह से निरस्त कर दिया गया था.
अखबार ने दावा किया है कि दोनों देशों के बीच बैक चैनल के जरिए इन दिनों बातचीत चल रही है. ये बातचीत राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के सुरक्षा सलाहकार मोहम्मद यूसुफ के बीच हो रही है. हालांकि गृह मंत्रालय ने ऐसी किसी भी बातचीत से फिलहाल इनकार किया है.
पाकिस्तान के एक सीनियर अधिकारी ने दावा किया है कि वो आर्किटल 371 का मुद्दा उठा रहे हैं. जिसके जरिए नॉर्थ-ईस्ट के कई राज्यों को विशेष सुरक्षा दी जाती है. वो चाहते हैं कि जम्मु-कश्मीर में भी ये लागू हो.
बता दें कि पाकिस्तान की इकोनॉमिक कोऑर्डिनेशन कमेटी ने भारत से कपास और चीनी मंगाने के जिस प्रस्ताव को बुधवार को मंजूरी दी थी, उसे इमरान सरकार ने खारिज कर दिया है. पाकिस्तान की मानवाधिकार मामलों की मंत्री शिरीन माजरी के मुताबिक, प्रधानमंत्री इमरान खान ने साफ कर दिया है कि भारत के साथ रिश्ते तब तक सामान्य नहीं होंगे, जब तक कि आर्टिकल-370 के तहत जम्मू कश्मीर को दिया गया खास दर्जा बहाल नहीं कर दिया जाता.
पिछले हफ्ते पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान पीएम मोदी को खत लिखा था. इमरान खान ने खत में लिखा था-हम दक्षिण एशिया में शांति और स्थायित्व के लिए प्रतिबद्ध हैं. उन्होंने अपने खत में जम्मू-कश्मीर का मुद्दा भी उठाया है. इमरान खान ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई में भी भारतीय लोगों को शुभकामनाएं दी हैं.