कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को लगता है कि भारत में अब लोकतंत्र रहा ही नहीं. वो कहते हैं कि आज सरकार विरोध की आवाज कहां सुनती हैं. यह बात अलग है कि बुधवार को जब केरल कांग्रेस के कद्दावर नेता पी सी चाको ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया तो उनके सवालों पर ही सवाल खड़ा हो गया.
राहुल गांधी किसान कानून के मुद्दे पर कुछ इसी तरह की राय रख चुके हैं.लेकिन गुरुवार को स्वीडिश रिपोर्ट का हवाल देते हुए एक बार फिर सवाल खड़ा कर दिया.
ऑटोक्रेटाइजेशन गोज वायरल’ के टाइटस से वी-डेमोक्रेसी ने भारत को ‘दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र’ के दर्जे से हटाकर ‘चुनावी तानाशाही’ वाला देश बताया है. वी डेमोक्रेसी ने इसके पत्रकारिता पर अंकुश, राजद्रोह कानूनों के जरूरत से ज्यादा प्रयोग को आधार बनाया है.
वी-डेमोक्रेसी की 2013 की रिपोर्ट में .57 (शून्य से एक के बीच स्केल) स्कोर हासिल किया था जबकि 2020 के लिए यह स्कोर महज 0.34 है. रिपोर्ट में इस बात का जिक्र किया गया है कि पाकिस्तान की तरह भारत भी सेंशरशिप के मामले में निरंकुश है.
बता दें कि इससे पहले फ्रीडम हाउस ने भी अपनी रिपोर्ट में जिक्र किया था कि भारत में लोगों की आवाज को दबाया जा रहा है.सरकार वही सुनना चाहती है जो उसे अच्छी लगती है.
अब उन्हीं दो रिपोर्ट के हवाले से राहुल गांधी ने भारत अब लोकतांत्रिक देश नहीं रहा.इसके लिए एक न्यूज रिपोर्ट के स्क्रीनशॉट को शेयर करते हुए ट्वीट किया और कहा कि भारत अब लोकतांत्रित देश नहीं रहा. राहुल गांधी ने वी-डेमोक्र्सी (वरायटीज ऑफ डेमोक्रेसी) की रिपोर्ट का हवाला दिया है.
भारत अब उतनी ही तानाशाही वाला देश बन चुका है, जितना पाकिस्तान है.रिपोर्ट में भारत को बांग्लादेश से भी खराब बताया गया है.