एलओसी पर संघर्ष विराम को कड़ाई से पालन कराने पर सहमत हुए भारत-पाक

गुरुवार को एक बड़ी खबर सामने आई कि भारत और पाकिस्तान साल 2003 के सीजफायर समझौते को लागू करने पर सहमत हुए हैं. यह खबर सभी चौंका गई क्योंकि पांच अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद दोनों देशों के रिश्ते तल्खी एवं तनावपूर्ण दौर से गुजर रहे हैं.

दोनों देशों के बीच आधिकारिक रूप से बातचीत अभी बंद है.ऐसे में बिना वार्ता सीजफायर को दोबारा लागू करने के समझौते पर नहीं पहुंचा जा सकता था.नई दिल्ली और इस्लामाबाद के बीच हुए इस घटनाक्रम पर एक अंग्रेजी समाचार पत्र अपनी एक रिपोर्ट दी है.

इस रिपोर्ट में कहा गया है कि दोनों देश पिछले तीन महीनों से ‘बैक चैनल’ की बातचीत कर रहे थे.समाचार पत्र ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि सीजफायर को दोबारा लागू कराने में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल की बड़ी भूमिका रही है.उन्होंने परदे के पीछे भारतीय राजनयिकों के दल का नेतृत्व करते हुए पाकिस्तान के सैन्य एवं नागरिक अधिकारियों के शिष्टमंडल से वार्ता की.सूत्रों का कहना है कि आने वाले दिनों में शांति बहाली के लिए दोनों देशों के बीच ‘और कदमों’ की घोषणा हो सकती है.

सूत्रों का कहना है कि एनएसए डोभाल की सुरक्षा पर प्रधानमंत्री इमरान खान के स्पेशल असिस्टेंट मोईद युसूफ से किसी तीसरे देश में मुलाकात हुई. इस दौरान उन्होंने पाक सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा के साथ बातचीत का चैनल भी खोलकर रखा.

युसूफ पीएम खान के करीबी हैं जबकि बाजवा के हाथों सेना की कमान है. बातचीत को सफल बनाने के लिए पाकिस्तान के इन दोनों दिग्गज हस्तियों को डोभाल ने विश्वास में लिया.हालांकि, डोभाल से अपनी मुलाकात की रिपोर्टों को युसूफ ने खारिज किया है.उन्होंने अपने ट्वीट में कहा कि इस तरह की कोई बातचीत नहीं हुई है. उन्होंने मुलाकात होने की रिपोर्ट को ‘आधारहीन’ बताया है.

सूत्रों कहना है कि दोनों देशों की ‘जनभावनाओं’ को देखते हुए इस तरह की बातचीत को ‘काफी सतर्क होकर आगे बढ़ना होता’ है. इस समझौते पर किस तरह की बातचीत हुई, इस पर दोनों देश ज्यादा विवरण के साथ नहीं आएंगे.

नियंत्रण रेखा पर सीजफायर का सम्मान करने के फैसले पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, ‘पाकिस्तान के साथ भारत एक सामान्य एवं पड़ोसी देश जैसा संबंध चाहता है. हमने हमेशा कहा है कि किसी भी मुद्दे का समाधान हम शांतिपूर्ण बातचीत के जरिए चाहते हैं.हालांकि, अहम मसलों पर हमारी स्थिति में कोई बदलाव नहीं है.मुझे उसे दोहराने की जरूरत नहीं है.’

नियंत्रण रेखा पर शांति बनाए रखने पर भारत-पाकिस्तान ऐसे समय सहमत हुए हैं जब एलएसी के गतिरोध वाली जगहों से चीन की सेना पीछे हटी है.एलएसी और एलओसी के ये नए घटनाक्रम भारत, पाकिस्तान और चीन के संबंधों को नई दिशा देने में एक अहम भूमिका निभा सकते हैं.

बता दें कि भारत और पाकिस्तान के डायरेक्टर जनरल मिलिट्री ऑपरेशन ने 776 किमी लंबी नियंत्रण रेखा पर अन्य क्षेत्रों में संघर्ष विराम का उल्लंघन नहीं करने का फैसला किया है. दोनों पक्षों की ओर से संघर्ष विराम करार का कड़ाई से पालन करने की बात कही गई है.

मुख्य समाचार

महाराष्ट्र: जलगांव में दो समुदायों के लोगों में झड़प, कर्फ्यू लागू

महाराष्ट्र के जलगांव जिले के धरनगांव तालुका में मंत्री...

उत्तराखण्ड पर्यटन विकास बोर्ड और आईटीबीपी के मध्य हुआ यह एम.ओ.यू. हस्ताक्षरित

देहरादन| बुधवार को मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की उपस्थिति...

केजरीवाल ने मोहन भागवत को लिखी चिट्ठी, भाजपा से जुड़े पूछे कई सवाल

इसी साल दिल्ली में विधानसभा चुनाव होने हैं. जिस...

Topics

More

    महाराष्ट्र: जलगांव में दो समुदायों के लोगों में झड़प, कर्फ्यू लागू

    महाराष्ट्र के जलगांव जिले के धरनगांव तालुका में मंत्री...

    Related Articles