भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण पर संबंध बीते साल बेहद तनावपूर्ण रहे थे.
14-15 जून, 2020 को गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद दोनों देशों के संबंधों में तनाव चरम पर पहुंच गया था, जिसमें भारत के 20 जवान शहीद हुए थे, जबकि चीन ने लंबे समय बाद वहां अपने सैनिकों की शहादत की बात कबूल की थी.
बीते कुछ महीनों से दोनों देशों के संबंधों को सामान्य करने की प्रक्रिया शुरू हुई है, जिसमें तनाव के प्रमुख बिंदुओं से सैनिकों की वापसी शामिल है.
भारत और चीन की ओर से डिस्इंगेजमेंट की तस्दीक की गई, जिसके बाद उम्मीद जताई गई कि दोनों देशों के संबंधों में तनाव अब दूर होगा और स्थिति सामान्य हो पाएगी. हालांकि इस बीच एक मीडिया में रिपोर्ट में दावा किया गया है कि गलवान घाटी में भारत और चीनी सैनिकों के बीच एक बार फिर झड़प हुई है.
हालांकि इसे ‘छोटी झड़प’ बताया गया, लेकिन तनाव दूर करने की प्रक्रिया में इसे एक बड़ी अड़चन के तौर पर देखा गया. लेकिन सेना ने इस संबंध में बयान जारी किया है और इस पर स्थिति स्पष्ट की है.
सेना की ओर से ऐसी खबर को गलत बताया गया है और स्पष्ट किया गया है कि पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच मई 2021 के पहले सप्ताह में ऐसी कोई झड़प नहीं हुई है, जिसका जिक्र मीडिया रिपोर्ट में किया गया है.
सेना की ओर से कहा गया है, ‘यह रिपोर्ट उन स्रोतों से प्रेरित नजर आती है, जो पूर्वी लद्दाख में मुद्दों के जल्द समाधान को लेकर जारी प्रक्रिया को बेपटरी करने का प्रयास कर सकते हैं.’
यहां गौरतलब है कि अभी दो दिन पहले ही विदेश मंत्री डॉ. जयशंकर ने गलवान में फिर हुई भारत-चीन के बीच झड़प? सेना ने जारी किया बयानगलवान में फिर हुई भारत-चीन के बीच झड़प? सेना ने जारी किया बयानएस जयशंकर ने भारत-चीन संबंधों को लेकर कहा था कि जब तक वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तनाव बरकरार है, चीन के साथ आपसी संबंधों को मजबूत करने के बारे में नहीं सोचा जा सकता.
उन्होंने चीन पर सीमा को स्थिर करने पर सर्वसम्मति से दूर जाने का आरोप लगाया, जो 1988 में पूर्व प्रधान मंत्री राजीव गांधी की चीन की महत्वपूर्ण यात्रा से उभरा.
A media report suggested a minor face-off between Indian & Chinese troops in Galwan Valley. It is clarified that no such face-off has taken place between Indian and Chinese troops at Galwan Valley in Eastern Ladakh in the first week of May 2021 as reported: Indian Army
— ANI (@ANI) May 23, 2021
The article seems to be inspired by sources who may be trying to derail the ongoing process for early resolution of issues in Eastern Ladakh: Indian Army
— ANI (@ANI) May 23, 2021