नई दिल्ली|दक्षिण एशिया में चीन के बढ़ते प्रभाव का देखते हुए भारत और जापान ने पड़ोसी देशों के साथ मिलकर काम करने की योजना पर विचार करना शुरू कर दिया है.
भारत अपने पड़ोसी मुल्क श्रीलंका, बांग्लादेश और म्यामांर जैसे देशों के साथ मिलकर चीन की बादशाहत को खत्म करना चाहता है.
भारत के इस कदम को चीन की विस्तारवादी नीति के खिलाफ उठाया गया कदम माना जा रहा है. इसी के साथ चीन के खिलाफ तैयार इस रणनीति को भारत और जापान की मजबूत होती गठजोड़ का प्रतीक माना जा रहा है.
इस पूरे मामले में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि दोनों देशों ने तीसरे देशों में काम करने के व्यावहारिक पहलुओं पर काम करना शुरू कर दिया है.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन के साथ चल रहे तनाव के बीच बताया कि भारत और जापान ने हाल ही में सैन्य सहयोग को लेकर एक समझौते पर दस्तखत किए है.
हिंद महासागर और प्रशांत महासागर में अभी जिस तरह के हालात हैं वह दोनों देशों की सोच को दर्शाता है. उन्होंने दोनों देश ने मिलकर जिस तरह के समझौतों पर बात की है, उससे नि:संदेह एशिया में सुरक्षा और स्थिरता को और मजबूती मिलेगी.
इंडस्ट्री चैंबर फिक्की की ओर से आयोजित एक कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए विदेश मंत्री ने कहा अब समय आ गया है कि एशिया के बड़े और महत्वपूर्ण देशों को एकजुट हो जाना चाहिए.
उन्होंने कहा कि एक-दूसरे के प्रति सशंकित रहकर किसी भी देश को कोई फायदा नहीं होने वाला है. विदेश मंत्री का ये बयान ऐसे वक्त में आया है जब भारत और चीन के बीच तनाव चरम पर है.
ऐसे में भारत की पड़ोसी देशों के साथ की जा रही किलेबंदी को चीन की ताकत खत्म करने की ओर उठाया गया कदम बताया जा रहा है.
साभार न्यूज़ 18