बाएं हाथ के स्पिनर मैथ्यू कुहनेमैन ने अपने दूसरे ही टेस्ट में पांच विकेट चटकाए और फिर सलामी बल्लेबाज उस्मान ख्वाजा ने अर्धशतक जड़ा जिससे ऑस्ट्रेलिया ने तीसरे टेस्ट क्रिकेट मैच के पहले दिन बुधवार को इंदौर में पहली पारी में चार विकेट पर 156 रन के साथ टीम इंडिया पर 47 रन की बढ़त बनाकर अपना पलड़ा भारी रखा.
स्पिन की अनुकूल पिच पर कुहनेमैन (16 रन पर पांच विकेट) और अनुभवी ऑफ स्पिनर नाथन लियोन (35 रन पर तीन विकेट) ने टीम इंडिया को 33.2 ओवर में 109 रन पर समेट दिया.
ऑस्ट्रेलिया ने इसके जवाब में ख्वाजा (60) और मार्नस लाबुशेन (31) के बीच दूसरे विकेट की 96 रन की साझेदारी से मैच में अपनी स्थिति मजबूत रखी. यह ऑस्ट्रेलिया की ओर से सीरीज की सबसे बड़ी साझेदारी है. दिन का खेल खत्म होने पर पीटर हैंड्सकॉम्ब सात जबकि कैमरन ग्रीन छह रन बनाकर खेल रहे थे.
टीम इंडिया ने उम्मीद के मुताबिक गेंदबाजी की शुरुआत रविचंद्रन अश्विन और रवींद्र जडेजा (63 रन पर चार विकेट) की स्पिन जोड़ी से कराई. जडेजा ने पारी के दूसरे ओवर में ही ट्रेविस हेड (09) को LBW किया. मैदानी अंपायर ने उन्हें आउट नहीं दिया था लेकिन DRS लेने पर उन्हें अपना फैसला बदलना पड़ा.
लाबुशेन भी इसके बाद जडेजा की गेंद को विकेटों पर खेल गए लेकिन यह नोबॉल हो गई. लाबुशेन ने इस जीवनदान का पूरा फायदा उठाया और ख्वाजा के साथ मिलकर चाय तक ऑस्ट्रेलिया का स्कोर एक विकेट पर 71 रन तक पहुंचाया. लाबुशेन अश्विन के पारी के 11वें ओवर में भाग्यशाली रहे जब LBW की विश्वसनीय अपील पर टीम इंडिया ने DRS नहीं लिया और रीप्ले में दिखा कि गेंद विकेटों से टकराती.
चाय के बाद भी टीम इंडिया को सफलता के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा. ख्वाजा ने 30वें ओवर में अश्विन की गेंद पर एक रन के साथ 102 गेंद में अर्धशतक पूरा किया. इसी ओवर में ऑस्ट्रेलिया के रनों का शतक भी पूरा हुआ.
जडेजा ने 108 रन के स्कोर पर नीची रहती गेंद पर लाबुशेन को बोल्ड करके टीम इंडिया को दूसरी सफलता दिलाई.
ख्वाजा भी इसके बाद जडेजा की गेंद को स्वीप करने की कोशिश में मिडविकेट पर गिल को कैच दे बैठे. उन्होंने 147 गेंद का सामना करते हुए चार चौके मारे. कप्तान स्टीव स्मिथ ने 38 गेंद में 26 रन की पारी के दौरान कुछ आकर्षक शॉट खेले लेकिन जडेजा की गेंद पर विकेटकीपर भरत को कैच दे बैठे. हालांकि हैंड्सकॉम्ब और ग्रीन ने इसके बाद ऑस्ट्रेलिया को और झटके नहीं लगने दिए.
पहले दो टेस्ट की तरह पिच से स्पिनरों को काफी मदद मिलने की उम्मीद थी लेकिन होलकर स्टेडियम की पिच पर पहले ही घंटे में गेंद ने काफी टर्न लिया और कुछ मौकों पर गेंद नीची भी रही जो थोड़ा हैरानी भरा था.
पहले सत्र में सात विकेट गंवाने के बाद टीम इंडिया ने दूसरे सत्र में 25 रन जोड़कर अपने बाकी बचे तीन विकेट भी गंवा दिए. कुहनेमैन ने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में अपने करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया. उमेश यादव अगर 13 गेंद में दो छक्कों और एक चौके से 17 रन की पारी नहीं खेलते तो टीम इंडिया को 100 रन के आंकड़े को पार करने के लिए भी जूझना पड़ता.
इससे पहले स्पिन की अनुकूल पिच पर आक्रामक रवैया अपनाने की रणनीति टीम इंडिया पर भारी पड़ी और मेजबान टीम के तीन बल्लेबाज रोहित शर्मा (12), रविंद्र जडेजा (04) और श्रेयस अय्यर (00) आक्रामक रुख अपनाने की कोशिश में आउट हुए.
सीरीज में पहली बार टॉस जीतने के बाद भारतीय कप्तान रोहित ने उम्मीद के मुताबिक पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया.