1 अगस्त को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कोरोना वायरस के खिलाफ स्पुतनिक वी वैक्सीन को लांच कर दिया था. लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ कई देशों को वैक्सीन की प्रामणिकता पर शक था. अब यह अलग बात है कि रूस ने वैक्सीन के पहले बैच को रूसी नागरिकों के लिए जारी कर दिया है. खास बात यह है कि रूसी वैक्सीन स्पुतनिक वी का आना भारत के लिए अच्छा है क्योंकि रूस बड़े पैमाने पर उत्पादन के लिए जिन देशों को चुना है उनमें भारत भी शामिल है.
रूस के स्वास्थ्य मंत्रालय का बयान गौर करने के लायक है, रूसी वैक्सीन स्पुतनिक वी ने सभी तरह की गुणवत्ता जांच को पार कर लिया है. सभी तरह के संदेह के दूर होने के बाद अब आम नागरिकों को लगाने के लिए जारी कर दिया गया है. बता दें कि वैक्सीन स्पुतनिक वी इसी सप्ताह तीसरे चरण का क्लिनिकल ट्रायल शुरू होने जा रहा है.इससे पहले रविवार को मास्को के मेयर सर्गेई सोबयानिन ने कहा था कि मास्को के ज्यादातर लोगों को अगले कुछ महीने के अंदर कोरोना वायरस वैक्सीन लगा दिया जाएगा.
इसके साथ ही अच्छी खबर यह है कि वैक्सीन स्पूतनिक वी के अंतिम फेज का क्लिनिकल ट्रायल सितंबर के अंतिम सप्ताह से भारत में शुरू होगा. रशियन डॉयरेक्ट इनवेस्ट फंड के सीईओ का कहना है कि कहा कि इस वैक्सीन का क्लिनिकल ट्रायल भारत समेत यूएई, सऊदी अरब, फिलीपींस और ब्राजील में इस महीने से शुरू हो जाएगा. वैक्सीन के तीसरे फेज के क्लिनिकल ट्रायल के प्राथमिक नतीजे अक्टूबर-नवंबर में जारी किए जाएंगे.
वैक्सीन को मॉस्को के गामलेया रिसर्च इंस्टिट्यूट ने रूसी रक्षा मंत्रालय के साथ मिलकर एडेनोवायरस को बेस बनाकर तैयार किया है. रशियन डॉयरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड ने अपने बयान में कहा है कि इस वैक्सीन का उत्पादन भारत, दक्षिण कोरिया, ब्राजील, सऊदी अरब, तुर्की और क्यूबा में किया जाएगा. वैक्सीन का बड़े पैमाने पर उत्पादन सितंबर 2020 में शुरू होने की उम्मीद है. 2020 के अंत तक इस वैक्सीन के 20 करोड़ डोज बनाने का लक्ष्य रखा गया है. इसमें से 3 करोड़ वैक्सीन केवल रूसी नागरिकों के लिए होगी.