अगले साल उत्तर प्रदेश में होने जा रहे विधानसभा चुनाव को देखते हुए भाजपा रणनीतिकारों की कोशिश होगी कि मंत्रिमंडल विस्तार में हर तबके, समुदाय और हर क्षेत्र को साधने की कोशिश होगी. बता दें कि जिन नामों की चर्चा है उनमें ‘ब्राह्मण चेहरे’ के रूप में जितिन प्रसाद का नाम सबसे ऊपर माना जा रहा है.
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और प्रियंका के खास रहे जितिन प्रसाद अभी सदन के सदस्य नहीं हैं. उन्हें मंत्री बनाने से पहले पार्टी एमएलसी बना सकती है. इनके अलावा निषाद पार्टी के संस्थापक संजय निषाद तेजपाल गुर्जर, सोमेंद्र तोमर, रामचंद्र विश्वकर्मा, कृष्णा पासवान, मंजू सिवाच और आशीष पटेल को नए मंत्रिमंडल में जगह दी जा सकती हैं.
‘संभावित मंत्रियों में जिन नेताओं के नाम है, उन्हें देखते हुए साफ जाहिर है कि बीजेपी ने अपना सियासी समीकरण दुरुस्त करने का दांव चला है’. मालूम हो कि उत्तर प्रदेश सरकार में अभी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित कुल 54 मंत्री हैं. इनमें 23 कैबिनेट, नौ राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और 21 राज्यमंत्री हैं. ऐसे में नियम के मुताबिक अधिकतम सात-साठ मंत्री बनाए जा सकते हैं.
यूपी में विधान सभा चुनाव में कुछ माह ही बचे हैं. योगी सरकार और भाजपा संगठन, दोनों ही जातीय और क्षेत्रीय संतुलन बनाने की नीति-रणनीति पर काम कर रहे हैं. बता दें कि योगी सरकार का गठन 19 मार्च 2017 को हुआ था. इसके बाद सरकार ने पहली बार मंत्रिमंडल का विस्तार 22 अगस्त 2019 को किया था.