अनलॉक- 5 के लागू होने के बाद सबसे ज्यादा चर्चा शिक्षा संस्थानों को लेकर हो रही है. स्कूलों किस तरह से खोले जाएंगे , इस पर मंथन चल रहा है. उत्तराखंड में भी स्कूल खोलने के प्लान पर काम किया.
गुरुवार को प्रदेश के शिक्षा मंत्री अरविंद पाण्डेय ने कहा कि स्कूलों को खोले जाने के संबंध में कोई भी निर्णय स्कूल प्रबंधन, अभिभावकों सहित सभी संबंधित पक्षों के साथ विचार विमर्श के बाद से किया जाएगा.
शिक्षा मंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को एक सप्ताह में अपने जिले से संबंधित फीडबैक शासन को भेजने के निर्देश दिए गए हैं. जिलाधिकारी अपने जिलों में कोविड-19 की स्थिति, वहां के स्कूलों के प्रबंधन समितियों और अभिभावकों की राय के आधार पर फीडबैक देंगे.
जिलों से प्राप्त फीडबैक के बाद स्वास्थ्य विभाग के साथ विचार विमर्श कर आवश्यकतानुसार कैबिनेट में निर्णय लिया जाएगा. शिक्षा मंत्री ने बताया कि यदि स्कूलों को खोलने के बारे में राय बन जाती है तो तीन चरणों में स्कूलों को खोले जाने का प्रस्ताव किया जाएगा.
पहले चरण में कक्षा 09 से 12 तक, दूसरे चरण में कक्षा 06 से 12 तक और तीसरे चरण में सभी कक्षाओं को शामिल किया जाना प्रस्तावित है.
सभी स्कूलों में कोविड-19 के लिए जरूरी सभी प्रोटोकाल का पालन किया जाएगा. बच्चों की सुरक्षा सर्वोपरि है. अभिभावको की अनुमति बिना किसी बच्चे को स्कूल आने के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा.