समाजवादी पार्टी सुप्रीमो अखिलेश यादव ने पीएम मोदी के ‘लाल टोपी’ वाले बयान पर पलटवार किया है. उन्होंने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी के नेताओं की भाषा ‘और बदलेगी’.
उन्होंने उत्तर प्रदेश में सरकार बदलने का दावा किया है. राज्य में साल 2022 में विधानसभा चुनाव होने हैं. पीएम मोदी ने गोरखपुर में एक कार्यक्रम के दौरान यूपी के नागरिकों को ‘लाल टोपी’ वालों से बचने की सलाह दी थी.
अखिलेश यादव ने बुधवार को कहा कि लाल टोपी भावनाओं का रंग है,खून का रंग लाल है, लाल टोपी लोगों को जोड़ने का रंग है. उन्होंने सवाल किया कि क्या भारतीय जनता पार्टी के लोगों का खून काला है? उन्होंने कहा, ‘जहां तक सवाल लाल टोपी का है तो लाल टोपी की चमक दिल्ली तक पहुंच गई है जनता बदलाव के लिए तैयार है उत्तर प्रदेश में बदलाव होना निश्चित है.’
यादव ने मंगलवार को ट्वीट के जरिए भाजपा पर महंगाई, बेरोजगारी समेत कई मुद्दों पर निशाना साधा. उन्होंने लिखा, ‘भाजपा के लिए ‘रेड एलर्ट’ है महंगाई का; बेरोज़गारी-बेकारी का; किसान-मज़दूर की बदहाली का; हाथरस, लखीमपुर, महिला व युवा उत्पीड़न का; बर्बाद शिक्षा, व्यापार व स्वास्थ्य का और ‘लाल टोपी’ का क्योंकि वो ही इस बार भाजपा को सत्ता से बाहर करेगी. लाल का इंक़लाब होगा, बाइस में बदलाव होगा!’
भाषा के अनुसार, प्रधानमंत्री ने गोरखपुर एम्स, खाद कारखाने और आईसीएमआर के क्षेत्रीय केंद्र का लोकार्पण करने के बाद अपने संबोधन में सपा पर हमला करते हुए कहा, ‘लोहिया जी और जयप्रकाश नारायण के आदर्शों और अनुशासन को यह लोग कब का छोड़ चुके हैं.
आज पूरा उत्तर प्रदेश अच्छी तरह जानता है कि लाल टोपी वालों को लाल बत्ती से मतलब रहा है. उनको आपके दुख तकलीफ से कोई लेना देना नहीं है.’
मोदी ने आरोप लगाया, ‘लाल टोपी वालों को सत्ता चाहिए. घोटालों के लिए, अपनी तिजोरी भरने के लिए, अवैध कब्जों के लिए, माफियाओं को खुली छूट देने के लिए.
लाल टोपी वालों को सरकार बनानी है आतंकवादियों पर मेहरबानी दिखाने के लिए, उन्हें जेल से छुड़ाने के लिए इसलिए याद रखिये कि लाल टोपी वाले यूपी के लिए रेड अलर्ट हैं. यानी खतरे की घंटी हैं.’