रुद्रप्रयाग में उत्तराखंड पर्यटन विभाग की ओर से राष्ट्रीय स्तर का पक्षी संग्रहालय (बर्ड म्यूजियम) तैयार किया जा रहा है. बता दें कि भारत में मिलने वाली 1200 से अधिक पक्षी प्रजातियों में 300 से अधिक रुद्रप्रयाग जनपद में मिलती हैं.
इस म्यूजियम में 80 से अधिक पक्षी प्रजातियों को संरक्षित किया गया है, जो रुद्रप्रयाग नगर के आसपास के क्षेत्र में पाई जाती हैं. विभाग की इस अनूठी पहल से बर्ड वॉचिंग के साथ ही पर्यटन को भी नया आयाम मिलने की उम्मीद जगी है.
रुद्रप्रयाग में तीन हजार फीट से लेकर उच्च हिमालय में 11 से 12 हजार फीट ऊंचाई तक रुद्रप्रयाग के पुनाड़ गदेरा क्षेत्र से लेकर मक्कू, मस्तूरा, पलद्वाड़ी, काकड़ागाड़, चिरबटिया, चोपता से लेकर तुंगनाथ तक विभिन्न प्रजातियों की पक्षियां पाई जाती हैं.
यहां रेड हेडेड बुलफिंच, डार्क बिस्टेड रोजफिंच, स्त्रकालेट फिंच, पिंक ब्रॉड रोज फिंच, स्पॉट फिंच, हिमालयन ग्रीन फिंच, चीर फीजेंट, माउंटेन हॉक इगल, स्टेपी इगल, नट कैकर, हिमालयन गिद्ध, यूरीशन ग्रीफॉन, यूरीशन जे, बर्फीला तीतर समेत 300 से अधिक पक्षी प्रजातियां प्रवास करती हैं.
ग्रीष्मकाल, चौमास व सर्दियों में पक्षियों की इन प्रजातियों में कई निचले इलाके में आते हुए मैदानी क्षेत्रों तक भी पहुंच जाती हैं.
अब, इन पक्षियों के बारे में स्थानीय के साथ देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों को जानकारी आसानी से मिल जाएगी. जिला मुख्यालय में पर्यटन विभाग द्वारा पर्यटन परामर्श केंद्र में बर्ड म्यूजियम तैयार किया जा रहा है, जिसे राष्ट्रीय स्तर का माना जा रहा है.
विभागीय अधिकारियों के अनुसार यूनाइटेड किंगडम के कैंब्रिज से संचालित अंतरराष्ट्रीय संस्था बर्ड लाइफ इंटरनेशनल और उसकी सहयोगी बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी ने रुद्रप्रयाग जिले को राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय पक्षी एवं जैव विविधता वाली सूची में शामिल किया है.
बीते वर्ष 24/25 दिसंबर को रुद्रप्रयाग वन प्रभाग द्वारा बर्ड फेस्टिवल आयोजित किया गया था. इस दौरान देश के विभिन्न क्षेत्रों से पहुंचे 11 पक्षी विशेषज्ञ एवं शोधार्थियों ने चिरबटिया, चौंड, रई खरक व रई झील के आसपास पक्षियों की 40 नई प्रजातियों को चिहिृृत किया था.
साभार-अमर उजाला