पंजाब निकाय चुनाव के परिणाम में भारतीय जनता पार्टी के लिए कृषि कानून और किसानों के आंदोलन का साया दिखाई दिया दूसरी ओर किसान आंदोलन के दौरान हुए पंजाब के नगर निकाय चुनाव में कांग्रेस की एकतरफा जीत हुई है. भाजपा सांसद सनी देओल के लोकसभा क्षेत्र गुरदासपुर की सभी 29 सीटों पर कांग्रेस को सफलता मिली.
वहां भाजपा को एक भी सीट नहीं मिल सकी है. रुझानों और नतीजों में कांग्रेस आठों नगर निगम अपने कब्जे में करती दिख रही है. बठिंडा, कपूरथला, होशियारपुर, पठानकोट, बटाला, मोगा, मोहाली और अबोहर नगर निगमों में कांग्रेस को भारी जीत हासिल हुई है. बता दें कि बठिंडा नगर निगम पर 50 साल के बाद पहली बार कांग्रेस ने कब्जा जमाया है.
वहीं नगर परिषद और नगर पालिका के वार्डों में भी कांग्रेस सबसे आगे है. जीत की खुशी में कांग्रेस नेताओं ने सड़कों पर आकर जश्न मनाना भी शुरू कर दिया है. पंजाब में अभी तक जो चुनावी नतीजे सामने आए हैं, उसमें कांग्रेस पहले नंबर पर, अकाली दल दूसरे नंबर पर, आम आदमी पार्टी तीसरे नंबर और भाजपा चौथे नंबर पर चल रही है.
गौरतलब है कि साल 2015 में शिरोमणि अकाली दल के साथ मिलकर चुनाव लड़ने वाली भाजपा इस बार चौथे नंबर पर फिसल गई है. पिछली बार अकाली दल-भाजपा ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा था. तब 6 नगर निगमों पर भाजपा और अकाली दल का कब्जा था.
इस बार दोनों ने अलग-अलग चुनाव लड़ा, क्योंकि कृषि कानूनों को लेकर दोनों पार्टियां अलग हो चुकी हैं. आठ नगर निगम और 109 नगर पालिका-नगर परिषदों (117 स्थानीय निकाय) के लिए 14 फरवरी को वोटिंग हुई थी.
मुख्य विपक्षी पार्टी शिरोमणि अकाली दल को इन नतीजों से सबसे बड़ा झटका लगा है . क्योंकि पार्टी ने कई अपने गढ़ भी गंवा दिए हैं.
निकाय चुनाव में जनता ने अकाली दल को भी नकार दिया. पंजाब के इन चुनाव परिणामों के बाद मोदी सरकार जरूर मंथन करेगी. भाजपा सरकार का कृषि कानून कांग्रेस के लिए जरूर फायदे का सौदा रहा .