कोरोना वायरस संक्रमण के नए मामलों में गिरावट देखी जा रही है, लेकिन देश ने हाल ही में वो दौर भी देखा जब रोज 4 लाख से ज्यादा मरीज मिल रहे थे. यही कारण रहा कि मई को इस महामारी का सबसे घातक महीना माना जा रहा है.
महज 21 दिनों में ही देश में 70 लाख से ज्यादा नए मरीजों की पहचान हुई है. मौत के लिहाज से भी मई के आंकड़े डराने वाले हैं. पहली लहर की तुलना में दूसरी लहर ने काफी ज्यादा कहर मचाया है.
बीते शुक्रवार को मई में संक्रमण का आंकड़ा 70 लाख के आंकड़े को पार कर गया. इस महीने में अब तक 71.3 लाख से ज्यादा मामले सामने आए. इस दौरान 83 हजार 135 लोगों ने कोविड-19 के चलते अपनी जान गंवाई.
बीते अप्रैल में यह आंकड़ा 48 हजार 768 पर था. उस दौरान संक्रमण के कुल 69.4 लाख मामले दर्ज किए गए थे. बीते साल शुरू हुई महामारी में संक्रमण के कुल मामलों का 27 फीसदी से ज्यादा हिस्सा केवल मई में ही मिला.
कहा जा रहा है कि बीते साल सितंबर के महीने में कोरोना वायरस की पहली लहर अपने चरम पर थी. टाइम्स ऑफ इंडिया के आंकड़े बताते हैं कि उस दौरान 26.2 लाख के करीब नए मामले सामने आए थे. जबकि, मौतों की संख्या 33.3 हजार पर थी. वहीं, अगस्त 2020 में संक्रमण के 19.9 लाख नए मामले दर्ज किए गए थे. जबकि, मौत के आंकड़ा 28.9 हजार पर था.
मई में अब तक हर रोज औसतन 4 हजार मरीजों की मौत हुई है. हालांकि, इनमें पुरानी मौतों का आंकड़ा भी शामिल है. बीते 24 घंटों में देश में 2 लाख 57 हजार 299 नए मरीज मिले हैं. इस दौरान 4 हजार 194 लोगों ने वायरस के चलते अपनी जान गंवाई. अच्छी खबर यह रही कि एक दिन में 3 लाख 57 हजार 630 मरीज स्वस्थ होकर घर लौटे.
भारत में मरीजों की कुल संख्या 2 करोड़ 62 लाख 89 हजार 290 हो गई है. महामारी में अब तक 2 लाख 95 हजार 525 मरीज अपनी जान गंवा चुके हैं. देश में फिलहाल एक्टिव केस की संख्या 29 लाख 23 हजार 400 है. इस साल मार्च की शुरुआत के बाद मामलों में इजाफा होना शुरू हो गया था. जानकार अभी भी ग्रामीण भारत में संक्रमण की तेज रफ्तार को लेकर चिंता जाहिर कर रहे हैं.
साभार-न्यूज 18