गोरखपुर| पीएम मोदी ने वर्ष 2021-22 के आम बजट को देश के सामने खड़ी चुनौतियों के समाधान को नई तेजी देने वाला करार देते हुए बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि पिछली सरकारों ने बजट को वोट बैंक के हिसाब-किताब का बहीखाता और कोरी घोषणाओं का माध्यम बना दिया था.
पीएम मोदी ने चौरी-चौरा शताब्दी समारोह का वर्चुअल माध्यम से उद्घाटन करने के बाद अपने संबोधन में कहा, “कोरोना काल में देश के सामने जो चुनौतियां सामने आई उनके समाधान को यह बजट नई तेजी देगा.”
वोट बैंक का बही खाता बन गया था बजट-पीएम
उन्होंने पूर्ववर्ती सरकारों पर आरोप लगाते हुए कहा, ‘दशकों से हमारे देश में बजट का मतलब बस इतना ही रह गया था कि किसके नाम पर क्या घोषणा कर दी गई. बजट को वोट बैंक के हिसाब किताब का बहीखाता बना दिया गया था.’ मोदी ने यह भी आरोप लगाया, ‘पहले की सरकारों ने बजट को ऐसी घोषणाओं का माध्यम बना दिया था जो वह पूरी ही नहीं कर पाती थीं. मगर अब देश ने वह सोच बदल दी है, अप्रोच बदल दी है.’
‘बजट से लोगों पर बोझ नहीं बढ़ा’
प्रधानमंत्री ने अपनी सरकार द्वारा पिछले दिनों संसद में पेश बजट को देश को तरक्की के रास्ते पर लाने के ‘भगीरथ प्रयासों’ से जोड़ते हुए कहा, ‘इन भगीरथ प्रयासों की एक झलक हमें इस बार के बजट में भी दिखाई देती है. कोरोना काल में देश के सामने जो चुनौतियां आई उनके समाधान को यह बजट नई तेजी देने वाला है.
बजट से पहले कई दिग्गज यह कह रहे थे कि देश ने इतने बड़े संकट का सामना किया है इसलिए सरकार को कर बढ़ाना ही पड़ेगा. देश के आम नागरिक पर बोझ डालना ही होगा. नए-नए कर लगाने ही पड़ेंगे लेकिन इस बजट में देशवासियों पर कोई बोझ नहीं बढ़ाया गया बल्कि देश को तेजी से आगे बढ़ाने के लिए सरकार ने ज्यादा से ज्यादा खर्च करने का फैसला किया.’
उन्होंने कहा, ‘यह खर्च देश में चौड़ी सड़कें बनाने के लिए हुआ है. यह खर्च आपके गांव को शहरों, बाजार और मंडियों से जोड़ने के लिए होगा. इस खर्च में पुल बनेंगे, रेल की पटरी बिछाई जाएंगी, नई रेल चलेंगी, नई बसें भी चलाई जाएंगी. पढ़ाई लिखाई की व्यवस्था अच्छी हो, हमारे युवाओं को ज्यादा अच्छे अवसर मिलें, इसके लिए भी बजट में अनेक फैसले लिए गए हैं. इन सब कामों के लिए काम करने वालों की भी तो जरूरत पड़ेगी. जब सरकार निर्माण पर ज्यादा खर्च करेगी तो देश के लाखों नौजवानों को रोजगार भी मिलेगा, आमदनी के नए रास्ते खुलेंगे.’
सभी जिलों में टेस्टिंग लैब
मोदी ने कहा, ‘अब देश का प्रयास है कि हर गांव-कस्बे में भी इलाज की ऐसी व्यवस्था हो कि हर छोटी मोटी बीमारी के लिए शहर की तरह भागना न पड़े. इतना ही नहीं शहरों में भी अस्पतालों में इलाज कराने में तकलीफ ना हो इसके लिए भी बड़े फैसले लिए गए हैं. अभी तक आपको अगर कोई बड़ा टेस्ट या चेकअप कराना होता है तो आपको अपने गांव से निकलकर गोरखपुर जाना पड़ता है, या फिर कई बार आप बनारस या लखनऊ तक चले जाते हैं. अब सभी जिलों में आधुनिक टेस्टिंग लैब बनाई जाएगी, जिले में ही चेकअप की व्यवस्था होगी और इसलिए देश ने बजट में स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी पहले से काफी ज्यादा खर्च की व्यवस्था की है.’
प्रधानमंत्री ने किसानों का जिक्र करते हुए कहा,‘हमारे देश की प्रगति का सबसे बड़ा आधार हमारा किसान भी रहा है. चौरी चौरा के संग्राम में तो किसानों की बहुत बड़ी भूमिका थी. किसान आगे बढ़ें और आत्मनिर्भर बनें, इसके लिए पिछले छह सालों में किसानों के लिए लगातार प्रयास किए गए हैं इसका परिणाम देश ने कोरोना काल में देखा भी है.’
किसानों के सशक्त होने से होगी प्रगति
उन्होंने कहा, ‘हमारा किसान अगर और सशक्त होगा तो कृषि क्षेत्र में प्रगति और तेज होगी. इसके लिए इस बजट में कई कदम उठाए गए हैं. मंडियां किसानों के फायदे का बाजार बनें, इसके लिए 1000 और मंडियों को ई-नाम से जोड़ा जाएगा. यानी मंडी में जब किसान अपनी फसल बेचने जाएगा तो उसे और आसानी हो जाएगी. वह अपने फसल कहीं भी बेच सकेगा. इसके साथ ही ग्रामीण क्षेत्र के लिए इन्फ्राट्रक्चर फंड को बढ़ाकर 40000 करोड़ रुपए कर दिया गया है. इसका भी सीधा लाभ किसानों को होगा. ये सब फैसले हमारे किसान को आत्मनिर्भर बनाएंगे, खेती को लाभकर बनाएंगे.’ मोदी ने कहा, ‘उत्तर प्रदेश में सरकार ने प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना के शुरुआत की है. इसके तहत गांवों की जमीनों, गांव के घरों का कागज गांव के लोगों को दिया जा रहा है. जब उनके पास अपनी जमीन और घर के सही कागज होंगे तो उनका मूल्य तो बढ़ेगा ही, साथ ही बैंकों से आसानी से कर्ज भी मिल जाएगा. गांव के लोगों के घर और जमीन पर कोई अपनी बुरी दृष्टि भी नहीं डाल पाएगा. इसका बहुत बड़ा लाभ देश के छोटे किसानों और गरीब परिवारों को होगा’
सीएम योगी ने भी रखे अपने विचार
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मौके पर कहा कि चौरी चौरा की इस घटना ने देश के स्वाधीनता आंदोलन को एक नई दिशा भी दी थी. चौरी चौरा के इस शताब्दी महोत्सव को ध्यान में रखते हुए आज प्रदेश के सभी शहीद स्मारकों और शहीद स्थलों पर 1857 से लेकर 1947 के बीच और देश की स्वाधीनता के बाद भी विभिन्न युद्धों में देश की सीमाओं की रक्षा करते हुए भारत माता के जो भी सपूत शहीद हुए हैं, उन सभी को याद करने और उनके प्रति श्रद्धा व्यक्त करने के लिए आज प्रदेश सरकार द्वारा पूरे राज्य में वर्ष भर चलने वाले कार्यक्रमों की श्रंखला में इस तरह के आयोजन शुरू हो रहे हैं.