बजट की तैयारियां शुरू हो गई हैं. पेट्रोलियम मंत्रालय ने एलपीजी सब्सिडी प्रस्ताव तैयार किया है. सूत्रों के अनुसार, अब जल्द एलपीजी रसोई गैस पर सब्सिडी केवल आर्थिक तौर पर कमजोर लोगों को ही मिलेगी. मंत्रालय ने सिर्फ 6,000 करोड़ रुपये की सब्सिडी की मांग की है.
मंत्रालय ने जो डिमांड प्रपोजल तैयार किया है, वो ऐतिहासिक रूप से बेहद कम है. सूत्रों ने बताया कि पिछले बजट में सरकार ने जितनी रकम आवंटित की थी, यह उसके आधे से भी कम है. इस महीने के अंत तक प्रस्ताव वित्त मंत्रालय को औपचारिक रूप से सौंपा जाएगा.
अब सवाल यह है कि इतनी कम रकम में सरकार सब्सिडी कैसे देगी? मालूम हो कि सरकार एक साल से ग्राहकों को एलपीजी सब्सिडी नहीं दे रही है.
कुछ इलाकों में, जैसे पहाड़ी इलाकों में ट्रांसपोर्ट सब्सिडी मिल रही है, ना कि एलपीजी सब्सिडी. इसकी कीमत 50 रुपये के करीब है. यानी सरकार इस बात पर तैयार है कि वो अगले वित्त वर्ष में भी ग्राहकों को सब्सिडी नहीं देगी.
सूत्रों के मुताबिक, सरकार जल्द एलपीजी सब्सिडी के बारे में दिशानिर्देश जारी कर सकती है. इन दिशानिर्देशों के अनुसार, अगर कभी एलपीजी के दाम काफी बढ़ते हैं, तो कुछ सब्सिडी की रकम दी जाएगी. लेकिन वो भी सिर्फ आर्थिक तौर पर कमजोर लोगों को.
साथ ही तेल विपणन कंपनियां (OMC) को यह कहा जाएगा कि जब तक कीमतें बढ़ी हुई हैं, तब तक वो इसका भार वहन करें और जब कीमतें कम हो जाएंगी तब रिकवरी कर लें. यानी तेल कंपनियां कीमतें कम होने पर घाटे की भरपाई करेंगी.
फिलहाल 14 किलो वाले सिलेंडर पर कंपनियों को करीब 250 रुपये का घाटा हो रहा है क्योंकि कीमतें काफी ज्यादा हैं. सूत्रों के अनुसार, नवंबर के अंत में फिर से कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती है.
इस बजट में एलपीजी सब्सिडी में ऐतिहासिक कमी का एलान हो सकता है. मालूम हो कि सरकार ने वित्त वर्ष 2022 के लिए 14073 करोड़ रुपये का आवंटन किया था.