नई दिल्ली| भारत 26/11 के मुंबई हमले के आरोपी पाकिस्तानी मूल के अमेरिकी नागरिक डेविड हेडली पर पाकिस्तान में मुकदमा चलाना चाहता है. भारत चाहता है कि उसके कबूलनामे को गवाही के रूप में लिया जाए.
रिपोर्टों के मुताबिक भारत सरकार ने हेडली पर मुकदमा चलाए जाने की अपनी मांग से पिछले सप्ताह पाकिस्तान को अवगत करा दिया है.
साथ ही भारत सरकार ने कहा है कि वह मुंबई हमले के गवाहों से पूछताछ करने के लिए पाकिस्तानी न्यायिक आयोग की मेजबानी करने के लिए तैयार है. नई दिल्ली ने टेलिकॉन्फ्रेंसिंग के जरिए भी पूछताछ का प्रस्ताव दिया है.
डेविड हेडली अभी अमेरिकी जेल में बंद है. उसे डेनमार्क और भारत में आतंकी हमले की साजिश रचने का दोषी पाया गया है. वह जेल में 35 साल की सजा काट रहा है.
भारत सरकार का मानना है कि डेविड की गवाही से मुंबई हमले में शामिल आतंकवादियों और आईएसआई के बीच गठजोड़ से परदा उठेगा. मुंबई हमले में छह अमेरिकी नागरिकों सहित 166 लोगों की मौत हुई.
अमेरिकी और भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की पूछताछ में हेडली ने आतंकियों एवं आईएसआई के कहने पर मुंबई हमले की साजिश में संलिप्त होने की बात कबूली है. उसका कहना है कि लश्कर-ए-तैयबा को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई संरक्षण देती है.
बाद में हेडली सरकारी गवाह बन गया. अमेरिकी अदालत की ओर से सजा सुनाए जाने के बाद सुनवाई के लिए हेडली को भारत अथवा पाकिस्तान में प्रत्यर्पित नहीं किया जा सकता.
मुंबई हमले के दोषियों के खिलाफ कोर्ट में ढुलमुल रवैया अपनाने वाले पाकिस्तान से इस बात की उम्मीद कम है कि वह भारत के अनुरोध को स्वीकार कर इस मामले में कार्रवाई करेगा.
भारत और अमेरिका के बीच मंगलवार को नई दिल्ली में 2+2 रणनीतिक वार्ता होनी है. समझा जाता है कि इस अहम बैठक में भारत मुंबई हमले के दोषियों को न्याय के कठघरे में लाने का मुद्दा अमेरिका के समक्ष उठाएगा.
भारत बार-बार यह कहता आया है कि सीमा पार से आतंकवाद पर रोक लगाने के लिए पाकिस्तान ने कोई प्रयास नहीं किया है.
मुंबई की विशेष अदालत की वर्चुअल पूछताछ में हेडली ने बताया है कि पाकिस्तान में आईएसआई के मेजर अली और मेजर इकबाल उसके हैंडलर्स थे.
उसने बताया है कि सितंबर 2006 में भारत आने से पहले इकबाल ने उसे 25 हजार अमेरिकी डॉलर उपलब्ध कराए थे.