देहरादून| साल 2022 का विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, इस बात की चर्चा होनी शुरू हो गई है कि कौन किस सीट से चुनाव लड़ेगा.
सियासी गलियारों में चर्चा है कि दो बड़े नाम पहाड़ की सीटों पर फोकस कर रहे हैं, जिनमें से एक ने सीट का फैसला पार्टी पर छोड़ दिया है, और दूसरे ने इसके बारे में अभी तक पत्ते नहीं खोले.
साल 2022 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के सीएम फेस त्रिवेंद्र रावत होंगे, लेकिन पूर्व सीएम हरीश रावत को कांग्रेस सीएम फेस बनाएगी या नहीं ? अभी इसके बारे में कुछ भी कह पाना मुश्किल है. लेकिन मुख्यमंत्री बनने के लिए विधायक बनना ज़रूरी है और इसके लिए कोई एक विधानसभा सीट तय करना होगा.
ऐसे में दोनों ही पार्टियों के दिग्गज नेता अपनी पसंदीदा सीट की तलाश में जुट गए हैं. सीएम रावत की 2022 में कर्मभूमि कहां होगी? सियासी हलकों में इन दिनों इसकी चर्चा खूब हो रही है. बताया जा रहा है कि पहाड़ में समीकरण और गैरसैण राजधानी फैक्टर के साथ सीएम, पहाड़ का रुख कर सकते हैं. हालांकि सीएम ने ये फैसला पार्टी पर छोड़ दिया है.
वहीं पूर्व सीएम हरीश रावत अभी इसके बारे में कोई पत्ते नहीं खोल रहे हैं. 2017 में हरीश रावत का दो विधानसभा सीटों से अनुभव अच्छा नहीं रहा. वहीं 2019 में वो नैनीताल सीट से सांसद का चुनाव हार गए थे.
इसलिए चर्चा है कि अपनी भूल सुधारकर हरदा भी पहाड़ में सीट तलाश रहे हैं. फिलहाल हरदा पत्ते नहीं खोलना चाहते. हरदा का कहना है कि ये एआईसीसी को तय करना है.
सत्ता में रहते हुए उत्तराखंड में जो दो मुख्यमंत्री चुनाव हारे, उनमें भुवन चंद्र खण्डूरी और हरीश रावत शामिल हैं. राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि दोनों नेता अपनी सीटों का सही आकलन नहीं कर पाये, इसलिए उनको हार का मुंह देखना पड़ा. ऐसे में त्रिवेंद्र रावत या हरीश रावत सीट की चर्चाओं पर चाहे जो कहें, पर सच ये है कि मुखिया की कुर्सी के लिए सही विधानसभा सीट चुनना सबसे ज़रूरी है.